“तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद, खेतों में बिछी बर्फ की चादर, किसानों की आंखों में आंसू”
"अचानक हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से खड़ी फसलें तबाह, खेतों में जमी बर्फ की परत ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी"

बयाना : फाल्गुन की शुरुआत के साथ ही मौसम ने अचानक करवट बदल ली। बयाना कस्बे सहित आसपास के इलाकों में रविवार सुबह से ही बादलों का डेरा रहा, और शाम होते ही तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी। कई गांवों में बड़े आकार के ओले गिरने से खेतों में बर्फ की परत जम गई, जिससे सरसों, गेहूं और चने की खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा।
15 मिनट तक हुई ओलावृष्टि, फसलें तबाह
मिली जानकारी के अनुसार, बयाना तहसील के फरसो, बीरमपुरा, सालाबाद, लहचोरा, कैलादेवी झील, अगावली, बाजौली, गुरधा नदी, नावली, खटनावली, हरनगर, बिड्यारी, इंचौली और नगला भांड सहित कई गांवों में बेर के आकार के 20-25 ग्राम तक के ओले गिरे। यह ओलावृष्टि करीब 15 मिनट तक जारी रही, जिससे खेतों में खड़ी सरसों की फलियां टूटकर गिर गईं, जबकि गेहूं और चने की फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
किसानों की आंखों में आंसू, मुआवजे की मांग
स्थानीय किसान सुरेंद्र कसाना, बृजेंद्र मावई, योगेंद्र चौधरी, लालहंस कसाना और लोकेंद्र कंसाना ने बताया कि शाम करीब 7 बजे अचानक मौसम बिगड़ गया और आसमान से ओलों की बरसात शुरू हो गई। किसानों का कहना है कि ओलों से फसलें बिछ गई हैं और दाने झड़ने की आशंका बढ़ गई है। इससे उनकी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द सर्वे कराकर फसल नुकसान का आकलन किया जाए और उचित मुआवजा दिया जाए।
अभी और बिगड़ सकता है मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में मौसम फिर से बिगड़ सकता है और कुछ इलाकों में हल्की बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है। प्रशासन ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है।