UP के मंदिरों में श्रद्धा की गंगा: नवरात्रि और रामनवमी पर लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
मां विंध्यवासिनी से लेकर काशी विश्वनाथ तक श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़, मुख्यमंत्री योगी ने किए कई प्रमुख मंदिरों के दर्शन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत ने इस वर्ष चैत्र नवरात्रि और रामनवमी के अवसर पर श्रद्धा और भक्ति की ऐसी मिसाल पेश की, जिसने इतिहास रच दिया। मां विंध्यवासिनी धाम, काशी विश्वनाथ मंदिर, श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या, गोरखनाथ मंदिर, और प्रदेश के अन्य शक्तिपीठों पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन कर धर्म और आस्था का अद्भुत संगम रचाया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में राज्य भर में व्यवस्था और सुरक्षा के ऐसे इंतजाम किए गए, कि लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बावजूद कहीं कोई अव्यवस्था नहीं दिखी। श्रद्धा, अनुशासन और प्रशासन की यह त्रयी पूरे देश के लिए उदाहरण बन गई।
श्रद्धा के महासागर में डूबे मंदिर: आंकड़ों में भक्ति की कहानी
नवरात्रि और रामनवमी के नौ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की संख्या ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए:
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मां विंध्यवासिनी धाम, मीरजापुर – 35 लाख से अधिक श्रद्धालु
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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या – 9 दिनों में 24 लाख से अधिक भक्त
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देवीपाटन मंदिर, तुलसीपुर बलरामपुर – 12 लाख से अधिक श्रद्धालु
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श्री काशी विश्वनाथ धाम, वाराणसी – 8 दिनों में 10 लाख से अधिक भक्त
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गोरखपुर के मंदिर – रामनवमी पर डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु
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मां शाकुम्भरी देवी मंदिर, सहारनपुर – डेढ़ लाख से अधिक भक्त
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नैमिषारण्य – रामनवमी पर 1 लाख से अधिक भक्तों की उपस्थिति
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प्रयागराज के अलोपी देवी मंदिर – साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालु
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कल्याणी देवी मंदिर, प्रयागराज – सवा दो लाख भक्त
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मां ललिता देवी मंदिर, प्रयागराज – 1 लाख से अधिक श्रद्धालु
सीएम योगी की आस्था यात्रा: मां के दरबार से काशी विश्वनाथ तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो स्वयं गोरक्षपीठाधीश्वर हैं, ने पूरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों का दौरा कर न केवल दर्शन-पूजन किया बल्कि श्रद्धालुओं के बीच जाकर व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।
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26 मार्च – आगरा के राजा की मंडी स्थित प्राचीन दरिया नाथ मंदिर
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27 मार्च – मां विंध्यवासिनी धाम, मीरजापुर
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1 अप्रैल – बरेली की नवाबगंज गोशाला में गोसेवा
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3 अप्रैल – वाराणसी के प्राचीन श्रीराम मंदिर, काल भैरव और काशी विश्वनाथ के दर्शन
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4-5 अप्रैल – मां पाटेश्वरी देवी मंदिर, तुलसीपुर बलरामपुर
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5-6 अप्रैल – गोरखनाथ मंदिर में दर्शन और कन्या पूजन
मुख्यमंत्री ने अपने प्रवास के दौरान कई स्थानों पर कन्या पूजन भी किया, जिससे यह संदेश गया कि आस्था के साथ-साथ नारी शक्ति का भी विशेष सम्मान किया जाए।
24 घंटे अखंड रामायण पाठ: भक्ति की अखंड ज्योति
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को प्रदेश भर के मंदिरों में अखंड रामायण पाठ हुआ।
लखनऊ, अयोध्या, मथुरा, काशी, आगरा, गोरखपुर, झांसी समेत सभी 75 जनपदों के देवी मंदिरों, हनुमान मंदिरों व वाल्मीकि मंदिरों में यह आयोजन हुआ। इसमें स्थानीय कलाकारों, भजन मंडलियों और आम श्रद्धालुओं ने एक साथ भाग लिया।
श्रद्धा के साथ प्रशासन की भी परीक्षा, लेकिन व्यवस्थाएं रहीं लाजवाब
भीड़ को देखते हुए सरकार ने मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी। मुख्यमंत्री के आदेश पर प्रशासन ने:
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सिटी बसों, ई-रिक्शा, ई-कार्ट की व्यवस्था
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शुद्ध पेयजल, छाजन, जूट मैटिंग का इंतजाम
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सभी मंदिर परिसरों में अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती
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कतारबद्ध दर्शन के लिए पर्याप्त बैरिकेडिंग और छायांकन की व्यवस्था
तेज धूप में खड़े भक्तों को छांव मिले, इसके लिए मंदिर परिसरों में जूट मैटिंग और टेंट शेड्स लगाए गए।
निष्कर्ष: आस्था, अनुशासन और व्यवस्था का मेल
उत्तर प्रदेश की चैत्र नवरात्रि और रामनवमी केवल धार्मिक आयोजन नहीं थे, ये एक सांस्कृतिक और प्रशासनिक मॉडल बनकर उभरे हैं।
एक ओर जहां श्रद्धालु मां के दरबार में झुके, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अमले ने अपनी निष्ठा से व्यवस्था को नमन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी ने साबित कर दिया कि अगर संकल्प हो तो करोड़ों भक्तों के लिए भी शांति और सुविधा सुनिश्चित की जा सकती है।
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