लखनऊ के प्रसाद हॉस्पिटल में मरीज की मौत पर हंगामा: परिजनों का आरोप- शव को वेंटिलेटर पर रखकर 3.50 लाख रुपए मांगे
परिजन बोले- दो दिन तक शव को वेंटिलेटर पर रखा, पैसे देने का दबाव बनाया; पुलिस जांच में जुटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बंथरा स्थित प्रसाद हॉस्पिटल में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मृत मरीज के शव को दो दिन तक वेंटिलेटर पर रखा और 3.50 लाख रुपये की मांग की। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिजनों का आरोप: शव को वेंटिलेटर पर रखकर मांगे पैसे
मृतक के परिवार वालों का कहना है कि युवक को दुर्घटना के बाद प्रसाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को उसकी मृत्यु हो गई, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव को वेंटिलेटर पर रखकर परिजनों को गुमराह किया।
परिजनों ने बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधन ने यह कहते हुए 3.50 लाख रुपये की मांग की कि मरीज का इलाज जारी है। जब परिजनों ने शव को देखने की मांग की, तब जाकर उन्हें युवक की मृत्यु की जानकारी मिली।
हॉस्पिटल प्रशासन का पक्ष: जांच के बाद ही देंगे बयान
प्रसाद हॉस्पिटल प्रशासन ने मामले पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि मरीज की हालत गंभीर थी और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल के अनुसार, मरीज की स्थिति बिगड़ने पर परिवार को जानकारी दी गई थी।
हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं और जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट करेंगे।
पुलिस जांच में जुटी, परिजनों का धरना जारी
घटना की सूचना मिलते ही बंथरा पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है।
बंथरा थाना प्रभारी का कहना है कि मामले की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है और सभी पक्षों के बयान लिए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी किया निरीक्षण
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी प्रसाद हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने हॉस्पिटल के दस्तावेजों की जांच की और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले।
लखनऊ में मेडिकल लापरवाही का मामला पहली बार नहीं
लखनऊ में मेडिकल लापरवाही के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। मरीजों के साथ अस्पतालों की मनमानी और लापरवाही की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं।
निष्कर्ष
प्रसाद हॉस्पिटल लखनऊ में मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों ने चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा मामले की जांच जारी है, जिससे सच का पता चलने की उम्मीद है।