सामूहिक शादी में भूखे रह गए मेहमान: काशी में दूल्हा-दुल्हन ने घर पर बनाई रोटियां, मेहमानों को ढाबे में कराना पड़ा नाश्ता
सामूहिक विवाह में अव्यवस्था का शिकार हुए नवविवाहित जोड़े, खाने की कुपन होते हुए भी मेहमान रह गए भूखे

वाराणसी (काशी)। सामूहिक शादी समारोह जो खुशियों और उत्सव का प्रतीक माना जाता है, वह काशी में कई नवविवाहित जोड़ों के लिए तनाव का कारण बन गया। समारोह में अव्यवस्था के चलते दूल्हा-दुल्हन को खुद घर पर रोटी बनानी पड़ी और उनके मेहमानों को ढाबे में नाश्ता कराना पड़ा।
शादी में खाने के लिए मची भगदड़
समारोह में व्यवस्था इतनी खराब थी कि खाने की प्लेट के लिए लोग एक-दूसरे पर गिरते पड़ रहे थे। कई मेहमानों के पास खाने के कूपन होने के बावजूद उन्हें खाना नहीं मिला। एक दूल्हे के परिजन ने बताया, “हमारे पास 20 कूपन थे, लेकिन किसी को भी खाना नहीं मिला। बहू को विदा कर घर आए तो रिश्तेदारों को खुद रोटी-सब्जी बनाकर खिलानी पड़ी।”
मेहमानों को ढाबे में कराया नाश्ता
अव्यवस्था का आलम यह था कि दूल्हा-दुल्हन को अपने मेहमानों को नाश्ते के लिए ढाबे पर ले जाना पड़ा। एक और परिवार ने बताया कि शादी का जश्न फीका पड़ गया क्योंकि मेहमान भूखे रह गए।
सामूहिक विवाह में अव्यवस्था के पीछे का कारण
सूत्रों के अनुसार, इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन नगर निगम और कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने मिलकर किया था। लेकिन मेहमानों की भीड़ और खाने की सीमित व्यवस्था के कारण स्थिति बेकाबू हो गई।
आयोजकों पर उठे सवाल
शादी में अव्यवस्था के बाद नवविवाहित जोड़ों के परिवारों ने आयोजकों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर भोजन और अन्य व्यवस्थाएं ठीक से की जातीं, तो यह समस्या नहीं होती।
सामूहिक विवाह की व्यवस्थाओं पर पुनर्विचार की जरूरत
काशी का यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम यह साबित करता है कि बड़े आयोजनों में व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। मेहमानों को भूखे रहना पड़े और नवविवाहित जोड़े खुद रोटी बनाने पर मजबूर हों, यह किसी भी विवाह समारोह में शर्मिंदगी का कारण बनता है।
निष्कर्ष
सामूहिक विवाह कार्यक्रम भले ही समाज में समानता और सहयोग का संदेश देते हैं, लेकिन अव्यवस्था और बदइंतजामी का यह मामला काशी में कई परिवारों के लिए दर्दनाक अनुभव बन गया। आयोजकों को भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए बेहतर योजनाबद्धता की आवश्यकता है।