श्रद्धा हत्याकांड: 35 टुकड़े करने वाले आफताब को कब मिलेगी सजा?

दिल्ली। दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। ठीक तीन साल पहले, 18 मई 2022 को, लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे आफताब पूनावाला और श्रद्धा वाकर के बीच हुए झगड़े ने एक खौफनाक मोड़ ले लिया। गुस्से में आकर आफताब ने श्रद्धा का गला घोंट दिया और फिर उसकी लाश के 35 टुकड़े कर उन्हें दिल्ली के जंगलों में फेंक दिया।
मर्डर के बाद का खौफनाक प्लान
- श्रद्धा का मर्डर: 18 मई 2022 को आफताब ने श्रद्धा का गला घोंटकर हत्या कर दी।
- लाश के टुकड़े: हत्या के बाद आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए।
- फ्रिज में रखे टुकड़े: श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को उसने अपने घर में फ्रिज में रखा और उन्हें धीरे-धीरे जंगलों में फेंकता रहा।
- सबूत मिटाने की कोशिश: आफताब ने शव को ठिकाने लगाने के लिए आरी और अन्य औजारों का इस्तेमाल किया।
केस में जांच और सबूत
- पुलिस को श्रद्धा के हड्डियों के टुकड़े, मर्डर में इस्तेमाल हुए औजार और फ्रिज बरामद हुआ।
- फॉरेंसिक जांच में पुष्टि: हड्डियों के डीएनए टेस्ट से यह पुष्टि हुई कि वे श्रद्धा की ही थीं।
- आफताब की कबूलनामा: पुलिस पूछताछ में आफताब ने हत्या की बात स्वीकार की।
- गवाह और सबूत: पुलिस ने मामले में कई चश्मदीद और वैज्ञानिक सबूत पेश किए।
हर सुनवाई में अदालत में पेश किए जाते हैं सबूत
श्रद्धा हत्याकांड की हर सुनवाई में अदालत में श्रद्धा की हड्डियां, मर्डर में इस्तेमाल हुआ फ्रिज और अन्य सबूत पेश किए जाते हैं।
- अदालत में सबूतों की सूची: श्रद्धा की हड्डियां, फ्रिज, मर्डर का औजार।
- प्रत्येक सुनवाई में बहस: आफताब के वकील और अभियोजन पक्ष के बीच तीखी बहस।
- गवाहों के बयान: अदालत में पुलिस अधिकारी और फॉरेंसिक विशेषज्ञों के बयान दर्ज किए गए।
कब होगी आफताब को सजा?
श्रद्धा हत्याकांड में न्याय की राह लंबी और जटिल रही है। हर सुनवाई में नए सबूतों और गवाहों को पेश किया जा रहा है।
- मुकदमे की स्थिति: वर्तमान में यह केस दिल्ली की एक अदालत में चल रहा है।
- सजा की उम्मीद: अगर आफताब पर आरोप साबित हो जाते हैं, तो उसे उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है।
- वकीलों की दलीलें: अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह हत्या सुनियोजित थी, जबकि बचाव पक्ष इसे अचानक हुआ अपराध बताने की कोशिश कर रहा है।
आफताब की सजा में देरी क्यों?
- कानूनी प्रक्रिया: भारतीय न्याय व्यवस्था में किसी भी केस में आरोप साबित होने के लिए साक्ष्य और गवाहों की गहन जांच होती है।
- बचाव पक्ष की दलीलें: आफताब के वकील हर सबूत को चुनौती देते हैं, जिससे सुनवाई में समय लगता है।
- अदालत की समय-सारणी: अन्य मामलों की सुनवाई भी अदालत के कार्यक्रम पर निर्भर करती है।
परिवार की न्याय की गुहार
श्रद्धा के परिवार के लिए यह तीन साल का समय बेहद पीड़ादायक रहा है।
- श्रद्धा के माता-पिता लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं।
- उन्होंने सरकार और न्यायालय से जल्द से जल्द सजा दिलाने की अपील की है।
श्रद्धा हत्याकांड: एक खौफनाक याद
श्रद्धा हत्याकांड ने समाज में लिव-इन रिलेशनशिप और आपसी विश्वास पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह केस न केवल एक प्रेम कहानी का खौफनाक अंत है, बल्कि न्याय और सजा की लंबी लड़ाई का प्रतीक भी बन गया है।
अंतिम निष्कर्ष
श्रद्धा हत्याकांड का मामला भारतीय न्याय प्रणाली की चुनौती और पारदर्शिता का परीक्षण बन गया है। श्रद्धा के परिवार और समाज को उम्मीद है कि दोषी को जल्द से जल्द सजा मिलेगी और श्रद्धा को न्याय मिलेगा।