लखनऊ में बड़े मंगल पर भक्ति और सेवा का उत्सव: डिप्टी सीएम ने बांटी पूड़ी-सब्जी, मंदिरों में लगा फॉगिंग कूलर
सुबह 4 बजे से मंदिरों में उमड़ी भीड़, कृषि मंत्री बोले– लखनऊ पहले लक्ष्मणपुरी था; शहर भर में लगे 1000 भंडारे

उत्तर प्रदेश : की राजधानी लखनऊ में आज ज्येष्ठ माह के दूसरे बड़े मंगल पर भक्ति, आस्था और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिला। शहर के प्रमुख हनुमान मंदिरों में सुबह 4 बजे से ही घंटा-घड़ियाल बजने लगे और वातावरण बजरंगबली के भजनों से भक्तिमय हो गया। मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं, जहां लोग दर्शन कर एक-दूसरे को तिलक लगाकर प्रसाद वितरित कर रहे थे।
डिप्टी सीएम ने बांटी पूड़ी-सब्जी, दिया सेवा का संदेश
इस विशेष अवसर पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वयं लोगों को पूड़ी-सब्जी का प्रसाद वितरित किया और श्रद्धालुओं का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि “बड़ा मंगल सिर्फ धार्मिक नहीं, सामाजिक एकता का पर्व भी है, जो सेवा की भावना को प्रबल करता है।”
कृषि मंत्री ने बताया लखनऊ का पुराना नाम ‘लक्ष्मणपुरी’
कार्यक्रम में पहुंचे कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अपने संबोधन में कहा कि, “लखनऊ पहले लक्ष्मणपुरी था, जहां प्रभु श्रीराम के अनुज लक्ष्मण ने बसावट की थी। बड़ा मंगल हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।” उन्होंने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं भी दीं।
मंदिरों में आधुनिक व्यवस्था: फॉगिंग कूलर और मेडिकल डेस्क
गर्मी को देखते हुए मंदिरों में फॉगिंग कूलर, पेयजल, और फर्स्ट एड मेडिकल डेस्क की व्यवस्था की गई थी। नगर निगम और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से मंदिर परिसरों की सफाई और सैनिटाइजेशन का कार्य भी किया गया।
शहर भर में लगे 1000 से अधिक भंडारे
पूरे लखनऊ शहर में विभिन्न स्थानों पर 1000 से अधिक भंडारों का आयोजन किया गया, जहां लोगों को पूड़ी-सब्ज़ी, हलवा, छोले-भटूरे और शरबत जैसे प्रसाद वितरित किए गए। इनमें सामाजिक संगठनों, व्यापार मंडलों, छात्र संगठनों और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
निष्कर्ष:
बड़ा मंगल सिर्फ लखनऊ का पर्व नहीं, बल्कि उत्तर भारतीय संस्कृति का गौरवशाली उत्सव है, जो भक्ति और सेवा को एक सूत्र में पिरोता है। डिप्टी सीएम और अन्य नेताओं की भागीदारी ने इस पर्व को और विशेष बना दिया। भीड़ के बावजूद शहर में व्यवस्था अनुकरणीय रही।