लखनऊ

तीन मन्नतें पूरी होने की खुशी में खाटू श्याम जा रहे परिवार की गाड़ी हादसे का शिकार, दो बेटों और मां की मौके पर मौत, बहू-बेटा और साला गंभीर घायल

लखनऊ/सीकर। एक धार्मिक यात्रा, जिसने किसी परिवार की खुशियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना था, वही यात्रा उनके लिए जिंदगी का सबसे बड़ा दुःख बन गई। लखनऊ के एक परिवार की खाटू श्याम यात्रा के दौरान सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें दो बेटे और उनकी मां शामिल हैं, जबकि बहू, बेटा और एक रिश्तेदार की हालत नाजुक बनी हुई है।


तीन मन्नतें पूरी हुईं, फिर शुरू हुई खाटू श्याम यात्रा:

परिवार ने बताया कि कुछ समय पहले घर में तीन बड़ी खुशियां आईं:

  1. बड़े बेटे को संतान प्राप्ति हुई।
  2. छोटे बेटे को सरकारी नौकरी का ऑफर लेटर मिला।
  3. मझले बेटे की शादी की बातचीत शुरू हो गई।

इन तीनों मन्नतों के पूरा होने पर घर में जश्न का माहौल था। परिवार ने तय किया कि वे खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए जाएंगे और अपनी मन्नतें पूरी होने पर धन्यवाद अर्पित करेंगे।


हादसा कैसे हुआ:

परिवार दो गाड़ियों में सवार होकर लखनऊ से खाटू श्याम जा रहा था। जैसे ही वे सीकर जिले के पास पहुंचे, एक गाड़ी अनियंत्रित होकर ट्रक से जा टकराई। हादसा इतना भीषण था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए।

हादसे में मां और दो बेटों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बड़ी बहू, उसका बेटा और एक साला गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


मृतकों की पहचान:

  • रामकली देवी (60 वर्ष) – मां
  • प्रवीण (32 वर्ष) – बड़ा बेटा
  • अमित (28 वर्ष) – मझला बेटा

घायलों में:

  • सपना (प्रवीण की पत्नी)
  • दो साल का बेटा
  • राजेश (सपना का भाई)

गांव में मातम, लखनऊ में शोक:

लखनऊ स्थित उनके मोहल्ले में इस हादसे की खबर के बाद से शोक की लहर है। जिस परिवार में हाल ही में खुशियां आई थीं, वहां अब तीन अर्थियां उठीं। परिजन और पड़ोसी इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।


पुलिस ने क्या कहा:

सीकर पुलिस ने बताया कि:

“दुर्घटना रात करीब 3 बजे हुई। ट्रक को जब्त कर लिया गया है और चालक फरार है। सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर जांच जारी है।”


निष्कर्ष:

यह हादसा न सिर्फ एक परिवार की निजी त्रासदी है, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है कि धार्मिक आस्था और मन्नतों की खुशी के साथ यात्रा करते समय सुरक्षा मानकों और सतर्कता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ईश्वर से जुड़ाव के इस पावन सफर में ऐसा काला अध्याय, पूरे समाज को झकझोर कर रख देता है।

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