लखनऊ में ई-रिक्शा से कूदी नर्सिंग छात्रा: अश्लीलता और गलत रास्ते से बचने के लिए जान जोखिम में डाली

लखनऊ: राजधानी में एक नर्सिंग छात्रा को रात के वक्त ई-रिक्शा में अश्लीलता और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि छात्रा को चलती ई-रिक्शा से कूदना पड़ा। पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हुआ है, जो अब वायरल हो रहा है और महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है।
घटना रात 8 बजे की, छात्रा ने दिखाई साहस
जानकारी के अनुसार, छात्रा रोज़ की तरह क्लास खत्म कर घर लौट रही थी, जब उसने एक ई-रिक्शा लिया। शुरुआत में सब सामान्य लग रहा था, लेकिन कुछ दूरी तय करने के बाद ई-रिक्शा चालक ने अपने तीन अन्य साथियों को बैठा लिया।
पीड़िता ने बताया,
“मैं बार-बार कह रही थी कि ई-रिक्शा रोको, लेकिन वे लोग सुन नहीं रहे थे। अचानक एक दूसरा युवक ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और स्पीड बढ़ा दी। पहले वाला ड्राइवर मेरे पास आकर अश्लील हरकतें करने लगा।”
गलत दिशा में ले जा रहे थे गाड़ी, छात्रा ने चलती रिक्शा से लगाई छलांग
जब छात्रा को महसूस हुआ कि रिक्शा गलत दिशा में जा रहा है, उसने बिना देर किए चलती गाड़ी से छलांग लगा दी। स्थानीय लोगों की मदद से छात्रा को बचाया गया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और जांच शुरू की।
पुलिस जांच में जुटी, आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस ने रिक्शा और आरोपियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। लखनऊ पुलिस ने कहा है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
महिला सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा, खासकर सार्वजनिक वाहनों में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रा का साहस सराहनीय है, लेकिन इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है।
जनता की मांग: सख्त कार्रवाई और रात्रिकालीन निगरानी बढ़े
घटना के बाद स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर आम जनता ने सरकार और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि —
🔹 रात्रिकालीन ई-रिक्शा संचालन पर सख्ती की जाए
🔹 सभी रिक्शाओं में चालक की पहचान और रजिस्ट्रेशन सार्वजनिक किया जाए
🔹 महिला यात्रियों के लिए हेल्पलाइन और त्वरित रेस्पॉन्स टीम को और मजबूत किया जाए
निष्कर्ष: जागरूकता और त्वरित प्रतिक्रिया ही बचाव का रास्ता
यह घटना न केवल सुरक्षा तंत्र की कमजोरी उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि महिलाओं को अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को कड़ी सजा दिलाए।