CBI ऑफिस जाने से रोका, इसलिए दरोगा को तीर मारा: 32 साल से तलाश रहा था ‘न्याय’, लखनऊ में दिया हिंसा को अंजाम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक व्यक्ति ने CBI ऑफिस के बाहर दरोगा को तीर मार दिया। पूछताछ में आरोपी ने दावा किया कि उसने यह हमला CBI से 32 साल पुराने बदले की भावना में किया, क्योंकि CBI की जांच के चलते उसकी रेलवे की नौकरी चली गई थी।
आरोपी बोला- CBI वालों ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी
हमलावर ने पुलिस को दिए बयान में बताया,
“मैं 32 साल से भटक रहा हूं। मेरी रेलवे की नौकरी CBI की वजह से गई थी। मुझे ट्रैप में फंसाया गया था। आज जब मुझे लगा कि CBI के लोग यहीं मिलेंगे, तो मैंने दर्द का जवाब तीर से दिया।”
आरोपी के अनुसार उसने जानबूझकर CBI ऑफिस की ओर जाने से रोक रहे दरोगा को निशाना बनाया।
दरोगा गंभीर घायल, अस्पताल में भर्ती
हमले में घायल दरोगा को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि हमलावर मानसिक तनाव में था और वर्षों से न्याय की तलाश कर रहा था।
तीर और धनुष के साथ पहुंचा था आरोपी, CBI परिसर में घुसने की कोशिश
पुलिस के अनुसार आरोपी लकड़ी का धनुष और लोहे का तीर लेकर CBI कार्यालय के गेट पर पहुंचा। जब ड्यूटी पर मौजूद दरोगा ने उसे रोका, तो उसने गुस्से में आकर तीर चला दिया। हमले के तुरंत बाद उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।
32 साल पुराना है मामला, अब तक भटक रहा था इंसाफ के लिए
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 1990 के दशक में उसने रेलवे में नौकरी पाई थी, लेकिन एक ट्रैप केस में फंसने के कारण उसे बर्खास्त कर दिया गया। तब से वह खुद को निर्दोष मानते हुए CBI के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। यही निराशा उसे हिंसक कदम की ओर ले गई।
पुलिस कर रही मानसिक स्थिति का परीक्षण, FIR दर्ज
लखनऊ पुलिस अब आरोपी की मानसिक स्थिति की गहन जांच कर रही है। साथ ही उसके खिलाफ हत्या के प्रयास, शासकीय कार्य में बाधा, शस्त्र अधिनियम समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
सवाल खड़े कर रही सुरक्षा व्यवस्था
CBI जैसे हाई-प्रोफाइल कार्यालय के बाहर हुई इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कैसे एक व्यक्ति खुलेआम तीर और धनुष लेकर संवेदनशील परिसर तक पहुंच गया, यह जांच का विषय है।