लखनऊ

राजीव कृष्ण और मीनाक्षी सिंह की लव स्टोरी: बरेली की मुलाकात से डीजीपी बंगले तक का सफर

लखनऊ | वो 1991 का साल था, जब एक युवा और तेज़तर्रार उम्मीदवार राजीव कृष्ण ने 22 साल की उम्र में पहली बार में UPSC की परीक्षा पास कर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयनित होकर उत्तर प्रदेश कैडर जॉइन किया। यही वह समय था, जब उनकी ज़िंदगी में एक और महत्वपूर्ण अध्याय की शुरुआत हुई—मीनाक्षी सिंह से मुलाकात के रूप में।


पहली मुलाकात: बरेली में शुरू हुई कहानी

राजीव कृष्ण की पहली पोस्टिंग बरेली में हुई थी। यहीं उनकी मुलाकात मीनाक्षी सिंह से हुई, जो खुद एक होनहार UPSC उम्मीदवार थीं और बाद में IRS (इनकम टैक्स) सेवा में चयनित हुईं। दोनों की मुलाकात पहले प्रोफेशनल थी, लेकिन समान विचारधारा, देश सेवा की भावना और सादगी ने जल्द ही उनके रिश्ते को एक अलग दिशा दे दी।


समान सोच और जीवन मूल्यों ने जोड़ा साथ

राजीव और मीनाक्षी की सोच बेहद समान थी। दोनों ही अपने-अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित, पारिवारिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले और बेहद सरल जीवन शैली पसंद करने वाले लोग हैं। यहीं से शुरू हुआ वह रिश्ता जो अब उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख के रूप में सेवा दे रहे राजीव कृष्ण और वरिष्ठ IRS अधिकारी मीनाक्षी सिंह के रूप में एक मिसाल बन चुका है।


एक मिसाल बन चुकी यह जोड़ी

आज जब राजीव कृष्ण उत्तर प्रदेश के डीजीपी पद पर कार्यरत हैं और मीनाक्षी सिंह भी केंद्र सरकार की अहम ज़िम्मेदारी संभाल रही हैं, तब यह जोड़ी युवा अधिकारियों और UPSC की तैयारी करने वालों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। सेवा, समर्पण और संयम का यह सुंदर संगम दिखाता है कि प्रोफेशनल सफलता के साथ व्यक्तिगत जीवन भी संतुलित और प्रेरणादायक हो सकता है।


क्यों खास है ये लव स्टोरी?

  • पारदर्शिता और परिपक्वता: दोनों ने अपने रिश्ते को कभी प्रचार की वस्तु नहीं बनाया, लेकिन उनके जीवन की पारदर्शिता और सार्वजनिक आचरण आज भी आदर्श माने जाते हैं।
  • कर्तव्य प्राथमिकता: एक-दूसरे की व्यस्तताओं को समझना और उसके अनुरूप जीवन को संतुलित करना, उनके रिश्ते को मजबूती देता रहा।
  • प्रेरणा स्रोत: यह कहानी दिखाती है कि सेवा के क्षेत्र में रहते हुए भी निजी जीवन में संतुलन और आत्मीयता कैसे संभव है।

निष्कर्ष

राजीव कृष्ण और मीनाक्षी सिंह की प्रेम कहानी केवल दो अफसरों की निजी जिंदगी नहीं, बल्कि यह उस सोच और संस्कार का प्रतीक है जो देश सेवा को सर्वोपरि मानते हुए भी व्यक्तिगत संबंधों में गरिमा बनाए रखती है। ऐसे उदाहरण भारतीय प्रशासनिक और पुलिस सेवा में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करते हैं।

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