उत्तर प्रदेश

लखनऊ में नशे में धुत रोडवेज बस ने महिला-पुरुष को रौंदा, महिला की मौत; बस बेकाबू होकर परचून दुकान में घुसी

लखनऊ। मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र के बिंदौवा कट के पास रविवार सुबह करीब 8 बजे एक गंभीर सड़क हादसा हुआ, जिसमें नशे में धुत रोडवेज बस चालक ने एक साइकिल सवार और एक पैदल जा रही महिला को रौंद दिया। महिला की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई, जबकि पुरुष गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।


घटना का विवरण: बेकाबू बस ने तोड़ा बिजली का पोल, दुकान में घुसी

रायबरेली डिपो की बस (UP33CT2331) रायबरेली से लखनऊ की ओर जा रही थी। मोहनलालगंज के बिंदौवा कट के पास गौरा की तरफ नेशनल हाईवे पर बस ने पहले साइकिल सवार 50 वर्षीय उमेश गोस्वामी और पैदल जा रही 38 वर्षीय रामदेवी को टक्कर मारी।

बस की रफ्तार इतनी तेज थी कि उसने एक बिजली के पोल को तोड़ दिया, जिससे थोड़ी रफ्तार कम हुई, लेकिन नियंत्रण खोते हुए वह परचून की दुकान में घुस गई। दुकान मालिक संतोष मौर्य के लगभग 5,000 रुपये का नुकसान हुआ। घटना के समय दुकान बंद थी, यदि दुकान खुली होती तो और लोगों की जान को खतरा होता।


अस्पताल में महिला की मौत, चालक-कंडक्टर गिरफ्तार

गंभीर रूप से घायल दोनों घायलों को तुरंत सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान रामदेवी की मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों को घटना की सूचना दी गई है।

पुलिस ने बस ड्राइवर और कंडक्टर को हिरासत में ले लिया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि बस चालक नशे की हालत में था, जिसके कारण दुर्घटना हुई। चालक का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। बस को सड़क से हटाकर दूसरी बसों से यात्रियों को रवाना किया गया।


पुलिस की जांच और सुरक्षा को लेकर सवाल

इस हादसे ने सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक परिवहन में ड्राइवरों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नशे में बस चलाकर यात्रियों और राहगीरों की जान जोखिम में डालना निंदनीय है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।


निष्कर्ष

लखनऊ में हुई यह दर्दनाक सड़क दुर्घटना एक चेतावनी है कि नशे में वाहन चलाना कितना घातक हो सकता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों का कड़ाई से पालन और नियमित जांच जरूरी है, ताकि भविष्य में किसी और की जान न जाए।

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