‘मॉडल चाय-वाली’ के साथ उगाही के लिए मारपीट: लखनऊ पुलिस पर गुंडागर्दी का आरोप, महिला कॉन्स्टेबल ने भी जड़ा थप्पड़

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: की सड़कों पर ‘मॉडल चाय-वाली’ के नाम से पहचान बना चुकी एक महिला ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चौकी इंचार्ज आलोक चौधरी और कॉन्स्टेबल अभिषेक यादव ने उगाही के लिए उनके साथ मारपीट की। महिला कॉन्स्टेबल ने भी उन्हें थप्पड़ मारा।
मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में अपना दर्द साझा किया। उसने कहा कि “दुकान खुली भी नहीं थी, मैं सिर्फ सामान समेट रही थी। तभी पुलिस वाले आए और बर्बरता शुरू कर दी। एक साल से मुझे टारगेट किया जा रहा है।”
क्या है पूरा मामला?
‘मॉडल चाय-वाली’ का स्टॉल लखनऊ के व्यस्त इलाके में लगता है। सोशल मीडिया पर इनकी चाय और संघर्ष की कहानी पहले ही चर्चा में रही है। लेकिन अब यह संघर्ष वर्दी के खिलाफ हो गया है। पीड़िता के मुताबिक, पुलिस लगातार उनसे उगाही की मांग करती रही है। जब उन्होंने देने से इनकार किया, तो सरेआम मारपीट की गई।
उन्होंने कहा,
“पुलिस को क्या वर्दी के साथ गुंडागर्दी का भी लाइसेंस मिल गया है? मैं महिला हूं, मेहनत कर रही हूं और अपनी पहचान बना रही हूं। लेकिन पुलिस बार-बार परेशान कर रही है।”
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर अब तक लखनऊ पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई है। सोशल मीडिया पर भी ‘Model Chaiwali’ के पक्ष में लोग खड़े हो रहे हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा की है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कई संगठनों ने सवाल उठाया है कि जब एक महिला स्ट्रीट वेंडर सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता का क्या होगा?
निष्कर्ष:
यह मामला न सिर्फ पुलिस के रवैये पर सवाल खड़ा करता है बल्कि महिलाओं के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग की भी मिसाल बनता जा रहा है। ‘मॉडल चाय-वाली’ की बहादुरी काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन अब जरूरत है प्रशासनिक जवाबदेही की।