डीएल पेंडेंसी पर यूपी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक: 90% जिलों में लंबित आवेदन 0.5% से भी कम

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग आमजन की सुविधाओं के लिए डिजिटल, पारदर्शी और त्वरित सेवाओं को प्राथमिकता दे रहा है।
विभाग द्वारा 1 जनवरी से 10 जून 2025 तक के ड्राइविंग लाइसेंस आवेदनों की पेंडेंसी का विश्लेषण किया गया, जिसके परिणाम आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक रहे।
गाजियाबाद और प्रयागराज जैसे जिलों ने दिखाया शानदार प्रदर्शन
- गाजियाबाद:
कुल 24,115 आवेदनों में से केवल 15 आवेदन लंबित — पेंडेंसी रेट: 0.06% - प्रयागराज:
23,914 में से केवल 33 आवेदन लंबित — पेंडेंसी रेट: 0.13% - मुजफ्फरनगर:
13,523 में से 20 आवेदन लंबित — पेंडेंसी रेट: 0.15%
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि ज्यादातर बड़े जिलों ने उत्कृष्ट प्रशासनिक दक्षता के साथ काम किया है।
कुछ जिलों में मामूली पेंडेंसी, तत्काल निगरानी शुरू
- शाहजहांपुर: पेंडेंसी रेट 0.46%
- अमेठी: पेंडेंसी रेट 0.63%
हालांकि यह आंकड़े अन्य जिलों की तुलना में थोड़े अधिक हैं, लेकिन विभाग ने इन जिलों में तत्काल निगरानी और सुधारात्मक कार्रवाई की शुरुआत कर दी है।

‘फेसलेस–कैशलेस–पेपरलेस’ अभियान बना सफलता की कुंजी
परिवहन विभाग के मुताबिक, इस अभियान के अंतर्गत:
✔️ ऑनलाइन आवेदन और अपॉइंटमेंट सिस्टम
✔️ SARATHI पोर्टल के व्यापक इस्तेमाल
✔️ जनसेवा केंद्रों (CSC) के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया
✔️ ऑनलाइन भुगतान और SMS अलर्ट
इन सभी का सकारात्मक प्रभाव आवेदन प्रक्रिया की पारदर्शिता, सुविधा और स्पीड पर पड़ा है।
90% जिलों में शानदार प्रदर्शन
कुल मिलाकर, 90 प्रतिशत से अधिक जिलों में पेंडेंसी रेट 0.5% से भी कम रही है। यह दर्शाता है कि डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और स्थानीय प्रशासनिक दक्षता का तालमेल बेहतर हुआ है।
🗣 वर्जन: परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह
“विभाग के निरंतर प्रयासों से लाइसेंस प्रक्रिया अधिक सरल, त्वरित और पारदर्शी हुई है। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि लंबित मामलों का निस्तारण 7 दिन के भीतर सुनिश्चित करें।”
“जो जिले अपेक्षाकृत पीछे हैं, उनसे कहा गया है कि वे विस्तृत समीक्षा कर शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई करें।”
📌 निष्कर्ष
डिजिटल इंडिया की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास एक मॉडल के रूप में उभर रहा है।
“DL पेंडेंसी” पर यह सर्जिकल स्ट्राइक न केवल प्रशासनिक सुधारों की मिसाल है, बल्कि आमजन के लिए सुविधाजनक व्यवस्था का प्रेरणास्रोत भी है।