योगी सरकार के मथुरा विजन-2030 के तहत केशव वासुदेव वाटिका समेत पर्यटन स्थलों का होगा सौंदर्यीकरण

लखनऊ: भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा नगरी को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कमर कस ली है। मथुरा विजन-2030 के तहत मथुरा-वृंदावन क्षेत्र में सात भव्य प्रवेश द्वारों के निर्माण के साथ-साथ केशव वाटिका और वासुदेव वाटिका का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के लिए 62 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है।
📍 राजस्थानी शैली में बनेंगे सात भव्य प्रवेश द्वार
मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा नगर के सात प्रमुख प्रवेश स्थलों पर राजस्थानी वास्तुकला में 10 फीट ऊंची भगवान श्रीकृष्ण की 12 मूर्तियों सहित अलंकृत भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण कराया जाएगा।
प्रवेश द्वार के स्थान:
- रेपुरा जट
- यमुना एक्सप्रेसवे
- पागल बाबा मंदिर (वृंदावन रोड)
- लक्ष्मी नगर चौराहा
- कोटवन बॉर्डर
- मथुरा-गोकुल मार्ग
- सोनई और सासनी बॉर्डर
कुल लागत: ₹21.50 करोड़
ये प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक स्वागत द्वार की भूमिका निभाएंगे और मथुरा की सांस्कृतिक गरिमा को और ऊंचा उठाएंगे।
🌸 केशव वाटिका का सौंदर्यीकरण: श्रीकृष्ण लीला के संग
3.5 एकड़ क्षेत्र में फैली केशव वाटिका को सजाया जाएगा रंग-बिरंगी लाइटिंग, म्यूजिकल फाउंटेन, और लाइट एंड साउंड शो से।
लागत: ₹7.3 करोड़
- श्रीकृष्ण की लीलाओं का चित्रण होगा लाइट शो के ज़रिए
- पत्थर की रेलिंग, बैठने की जगह, हरे-भरे पौधे और सजावटी पाथवे से वाटिका होगी अत्याधुनिक
- जन्माष्टमी से पहले परियोजना के पूर्ण होने की संभावना
🌱 वासुदेव वाटिका: पर्यावरण और भक्ति का संगम
13 हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगी वासुदेव वाटिका, जहां श्रद्धा और प्रकृति का समन्वय देखने को मिलेगा।
लागत: ₹34.06 करोड़
- एंट्री प्लाजा, थीम आधारित पेंटिंग्स
- वॉटर बॉडी, बाजार, एम्फीथिएटर, ग्रीन एरिया
- सोलर पैनल, सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर, फूड स्ट्रीट
स्थल: यमुना बैराज (गोकुल ग्राम) अपस्ट्रीम
यह वाटिका मथुरा में आने वाले पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक विश्राम स्थल का कार्य करेगी और धार्मिक पर्यटन को नए मुकाम तक ले जाएगी।
📌 निष्कर्ष: मथुरा बनेगा वैश्विक धार्मिक पर्यटन की राजधानी
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह ‘मथुरा विजन-2030’ मथुरा को भारत का आध्यात्मिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। इन परियोजनाओं के माध्यम से मथुरा नगरी फिर से अपने प्राचीन वैभव और वैश्विक धार्मिक पहचान को पुनः प्राप्त करेगी।