नागपुर में पत्नी के चरित्र पर शक में हैवान बना पति: खाट के पाए से सिर कुचला, फिर शव को जलाकर खत्म किए सबूत

नागपुर (महाराष्ट्र): ये घटना 30 मई 2014 की सुबह की है, जब नागपुर के नवरगांव में एक ऐसा सच सामने आया जिसने पूरे गांव को हिला दिया। सुबह 5 बजे के आसपास, धनराज भिवगड़े नाम के ग्रामीण जब खेत में शौच के लिए गए, तो उन्हें एक जले हुए पुआल के ढेर से कुछ चांदी जैसा चमकता हुआ नजर आया। उन्होंने जब टॉर्च से रोशनी डाली, तो जो दिखा वह रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर था – राख में एक जली हुई लाश का हिस्सा, और उस पर पहना हुआ चांदी का कड़ा।
🔥 मौत, हिंसा और जलती राख के पीछे की कहानी
जांच में सामने आया कि ये शव ग्रामवासी शंकर भिवगड़े की पत्नी शोभा का था। उसकी हत्या बहुत ही बेरहमी से की गई थी। पति शंकर को शक था कि उसकी पत्नी गांव के कई लोगों से अवैध संबंध रख रही है। इसी शक ने उसे इस कदर अंधा कर दिया कि उसने खाट के पाए से उसका सिर कुचल दिया, फिर लाश को खेत तक घसीट कर ले गया और पुआल में जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की।
🧩 हत्या की रात का घटनाक्रम
- रात के 2 बजे: शंकर और शोभा के बीच कहासुनी शुरू हुई।
- गुस्से में आकर शंकर ने चिल्लाया: “पूरे गांव से इश्क लड़ा रही है, आज बचेगी नहीं!”
- फिर खाट का पायां उठाकर सिर पर लगातार वार किए।
- शोभा की मौत के बाद, वह उसे रात के अंधेरे में खेत तक घसीटकर ले गया और पुआल में आग लगा दी।
🕵️♂️ जांच में हुआ खुलासा
पुलिस ने मौके से:
- जले हुए कंकाल के अवशेष
- पैर में चांदी की बिचुए और कड़ा
- खून से सनी मिट्टी
- घसीटने के निशान बरामद किए।
कई ग्रामीणों से पूछताछ और डीएनए जांच के बाद शंकर को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल कर ली।
🧠 समाज और मानसिकता पर सवाल
यह हत्या केवल एक इंसान की जान नहीं लेती, बल्कि विश्वास, रिश्तों और इंसानियत को भी मार डालती है। शंकर का अपनी पत्नी के चरित्र पर शक इस कदर बढ़ चुका था कि उसने संवेदनाएं खो दीं।
👩⚖️ न्याय और परिणाम
- शंकर के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) के तहत मामला दर्ज किया गया।
- 2018 में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
🔎 निष्कर्ष
इस केस ने एक बार फिर साबित किया कि अविश्वास और शक अगर मन में पनप जाए तो वह सबसे खतरनाक अपराध में बदल सकता है। यह केवल एक पत्नी की हत्या नहीं थी, यह संपूर्ण पारिवारिक तानेबाने का विध्वंस था।