PAK आर्मी चीफ मुनीर आतंकियों के ठिकानों की मरम्मत में जुटे, ₹40 करोड़ का फंड जारी; ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए थे ये अड्डे

इस्लामाबाद। भारत द्वारा 7 मई 2025 की रात को चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद कई आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया था। इन हमलों में खासकर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के अड्डों को निशाना बनाया गया था। अब एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इन तबाह ठिकानों को दोबारा खड़ा करने के लिए ₹40 करोड़ का फंड जारी कर दिया है।
मैक्सार टेक्नोलॉजी की सैटेलाइट इमेज से हुआ खुलासा
अमेरिकी सैटेलाइट इंटेलिजेंस कंपनी Maxar Technologies द्वारा जारी ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों में देखा गया है कि जिन स्थानों को भारत ने सटीक हवाई हमलों से नष्ट किया था, वहां फिर से निर्माण गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। इन तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि PoK के जंगलों और सीमावर्ती इलाकों में दोबारा शेल्टर, बंकर और ट्रेनिंग फैसिलिटी बनाई जा रही हैं।
जनरल मुनीर के आदेश पर फंड रिलीज
सूत्रों के अनुसार, पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर ने आतंकियों की गतिविधियों को फिर से सक्रिय करने के लिए ₹40 करोड़ का विशेष सैन्य बजट पास किया है। इस फंड का इस्तेमाल निर्माण सामग्रियों, उपकरणों और आतंकी ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के दोबारा खड़े करने में किया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई का प्रतीक
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सैन्य इतिहास में एक साहसिक कदम माना जा रहा है, जिसमें पहली बार सटीक हवाई हमलों के ज़रिए पाकिस्तान की सीमा के भीतर सक्रिय आतंकवादी अड्डों को निष्क्रिय किया गया। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह ऑपरेशन भारत की नई सैन्य रणनीति – ‘हिट फर्स्ट, हिट हार्ड’ – का एक स्पष्ट संकेत था।
क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय करेगा हस्तक्षेप?
जहां भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल प्रिसिजन ऑपरेशन को अंजाम दिया, वहीं पाकिस्तान की ओर से फिर से आतंक को शह देना कई अंतरराष्ट्रीय संधियों और सुरक्षा संकल्पों का उल्लंघन माना जा रहा है। सवाल उठता है कि क्या संयुक्त राष्ट्र और FATF (Financial Action Task Force) जैसे संगठन इस गंभीर गतिविधि पर कोई कार्रवाई करेंगे?
निष्कर्ष (Conclusion):
भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। लेकिन अब जब पाकिस्तान फिर से आतंक को जिंदा करने की कोशिश कर रहा है, तो यह दक्षिण एशिया की शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई करे और आतंक को दोबारा पनपने से रोके।