देशनेशनलब्रेकिंग न्यूज़

सिडनी से एवरेस्ट तक… योग सभी का, सभी के लिए: विशाखापत्तनम में पीएम मोदी ने 3 लाख लोगों के साथ किया योग

विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्रप्रदेश के बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में लगभग 3 लाख लोगों के साथ योगाभ्यास किया। इस ऐतिहासिक आयोजन में पीएम मोदी ने योग के वैश्विक प्रभाव, शांति और स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए 10 अहम संदेश दिए।


🧘‍♂️ प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें:

  1. योग सभी का है, और सभी के लिए है।
    “चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, एवरेस्ट की चोटियां या समुद्र की लहरें—हर जगह योग का संदेश यही है: यह सभी के लिए है।”
  2. योग वैश्विक स्वास्थ्य और शांति का प्रतीक बन चुका है।
    “आज योग न केवल भारत की संस्कृति का हिस्सा है, बल्कि यह विश्व मानवता की धरोहर बन गया है।”
  3. ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ को वैश्विक संकल्प बनाएं।
    “मानवता की भलाई के लिए यह मंत्र आवश्यक है—एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य, एक समाधान—योग।”
  4. योग के जरिये जुड़े पृथ्वी के हर कोने।
    “सिडनी, पेरिस, टोक्यो, वैंकूवर से लेकर काठमांडू और नैरोबी तक—हर जगह योग दिवस की गूंज है।”
  5. योग केवल आसन नहीं, विचार की यात्रा है।
    “यह शरीर को साधने के साथ-साथ आत्मा को भी संतुलन में लाता है।”
  6. निरंतर अभ्यास ही योग को जीवनशैली बनाता है।
    “एक दिन का नहीं, रोज़ का संकल्प बनाएं योग।”
  7. योग सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।
    “हर वर्ग, धर्म, रंग, संस्कृति से ऊपर उठकर योग सबको जोड़ता है।”
  8. भारतीय संस्कृति का वैश्विक उपहार है योग।
    “यह भारत की माटी से निकला संदेश है, जो दुनिया को जोड़ रहा है।”
  9. युवाओं को बनना चाहिए योगा एंबेसडर।
    “युवाओं में ऊर्जा है, उसे योग के माध्यम से अनुशासन और स्वास्थ्य में बदला जा सकता है।”
  10. योग का निर्यात नहीं, प्रसार करें।
    “यह कोई व्यापार नहीं, यह तो सेवा का कार्य है। योग सिखाएं, जोड़ें और बढ़ाएं।”

📸 विशेष आयोजन की झलक:

  • कार्यक्रम का आयोजन समुद्र तट के पास खुले मैदान में किया गया।
  • डिजिटल स्क्रीन, लाइव प्रदर्शन, आयुष मंत्रालय की भागीदारी के साथ आयोजन को हाईटेक बनाया गया।
  • हजारों स्कूली छात्र, सैनिक, डॉक्टर, अधिकारी, और नागरिकों ने भाग लिया।

🌐 विश्व में योग की स्वीकृति बढ़ रही

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि—

“संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस के प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था, जो इस बात का प्रमाण है कि योग आज विश्व एकता का माध्यम बन चुका है।”


📍 निष्कर्ष:

योग न केवल स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जीवंत करने वाला माध्यम भी है। विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया यह संदेश आने वाले वर्षों में योग को वैश्विक जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button