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ईरान में हॉस्टल और हॉस्पिटल पर हमले, ATM खाली: भारत लौटे छात्रों ने सुनाई जंग के बीच दहशत की दास्तान

श्रीनगर। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते युद्ध के माहौल ने वहां मौजूद भारतीय छात्रों के जीवन को भीषण खतरे में डाल दिया था। एयरस्ट्राइक्स, ब्लास्ट और हर तरफ डर का माहौल—ऐसे हालात में कुछ छात्र किसी तरह भारत वापस लौटने में सफल रहे हैं। मगर उनके कई साथी अब भी ईरान में फंसे हुए हैं।

“हर दिन लगता था अब नहीं बचेंगे”, ये शब्द हैं श्रीनगर लौटे मेडिकल छात्र समीर नबी के, जो ईरान के मशहद में पढ़ाई कर रहे थे। समीर ने बताया कि पिछले 8 दिनों में हालात अचानक बेहद डरावने हो गए। “हमारे हॉस्टल से कुछ किलोमीटर दूर हॉस्पिटल पर हमला हुआ। हर रात पास में धमाके होते थे।”


📍 हॉस्टल और हॉस्पिटल पर हुए हमले

भारत लौटे छात्र समीर, इमरान और हिना ने बताया कि ईरान में फोर्डो और नतांज जैसे ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमले के बाद इजराइल और ईरान की ओर से एक-दूसरे पर हमले तेज हो गए।
“हमारे हॉस्टल के पास वाली गली में एयरस्ट्राइक की गूंज से कांच टूट गए। एक स्थानीय हॉस्पिटल को भी निशाना बनाया गया।”

छात्रों ने बताया कि बमबारी की आवाजें इतनी नजदीक से आती थीं कि उन्हें लगता था अब जान नहीं बच पाएगी।


🏦 बैंक और ATM बंद, खाने को भी तरस गए

ईरान में भारतीय छात्रों को सबसे बड़ी समस्या खाने और पैसे की हुई।
ATM काम नहीं कर रहे, बैंक बंद हैं और दुकानों में सामान खत्म हो चुका है।
छात्रों ने बताया कि तीन दिन तक सिर्फ सूखे ब्रेड और पानी पर जिंदा रहे।

हिना शाहीन, जो तेहरान में फार्मेसी की छात्रा हैं, ने कहा,

“हमने इंडियन एम्बेसी को SOS कॉल भेजा। उन्होंने एयरपोर्ट तक पहुंचने में मदद की, लेकिन कई दोस्त आज भी वहीं फंसे हैं।”


📱 भारत लौटे, पर दोस्त अब भी फंसे हुए

इन छात्रों ने बताया कि कुछ फ्लाइट्स के ज़रिए सीमित संख्या में छात्रों को निकाला गया, लेकिन
ईरान के कई शहरों जैसे इस्फहान, यज़्द और करमान में अब भी भारतीय छात्र और कामकाजी लोग फंसे हुए हैं।

एक छात्र के मुताबिक,

“हमसे संपर्क करने वाले दोस्त फोन पर रो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर कुछ हुआ तो मम्मी-पापा को बोल देना कि माफ करना।’ इतना डरावना माहौल कभी नहीं देखा।”


🛫 सरकार से अपील: ऑपरेशन गंगा जैसा कदम उठाया जाए

छात्रों और उनके परिजनों ने भारत सरकार से ‘ऑपरेशन गंगा’ जैसी एक व्यापक निकासी योजना चलाने की मांग की है, जैसा यूक्रेन युद्ध के समय किया गया था।


🌐 स्थिति पर भारत सरकार की नजर

  • विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास लगातार ईरान में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान से फोन पर बात कर स्थिति की गंभीरता पर चर्चा की और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

🧾 निष्कर्ष: संकट टला नहीं, खतरा अभी बाकी

हालांकि कुछ छात्र भारत लौट चुके हैं, लेकिन ईरान में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं।
इंटरनेट बंद, हवाईअड्डों पर सख्त सुरक्षा, और इजराइल द्वारा संभावित पलटवार की आशंका के बीच भारतीय छात्रों और नागरिकों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।

सरकार की ओर से जल्द और ठोस कदम उठाए गए तो ही सैकड़ों फंसे भारतीयों की जान बचाई जा सकेगी।

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