लखनऊ में लिव-इन में रह रहीं दो सहेलियों की कहानी का दर्दनाक अंत: परिजनों ने सहेली पर सुधा की हत्या का आरोप लगाया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो युवतियों के लिव-इन रिलेशनशिप की कहानी एक हत्या में तब्दील हो गई। सुधा (बदला हुआ नाम) एक साल से अपनी सहेली मोहिनी के साथ लिव-इन में रह रही थी, लेकिन अब वह मृत पाई गई है। परिजनों का आरोप है कि मोहिनी ने ही सुधा की हत्या की है।
🏡 सुधा ने मोहिनी के लिए छोड़ा था अपना घर
करीब एक साल पहले सुधा ने अपने घर से थोड़ी दूरी पर किराए का मकान लेकर मोहिनी के साथ रहना शुरू किया। परिवारवालों ने इस रिश्ते पर कई बार आपत्ति जताई लेकिन वह नहीं मानी।
सुधा मोहिनी से इस कदर प्रभावित थी कि उसे ‘डियर वाइफ’ कहती थी और सोशल मीडिया पर उनके साथ की तस्वीरें साझा करती थी। परिजनों के अनुसार, वह मोहिनी को पति की तरह मानती थी और उनके रिश्ते को लेकर बेहद गंभीर थी।
🔍 परिजनों का आरोप: मोहिनी ने की हत्या
सुधा के घरवालों का कहना है कि उन्होंने कई बार उसे समझाया था कि “लड़की-लड़की साथ मत रहो, ये सही नहीं है”, लेकिन वह मोहिनी के प्यार में अंधी हो गई थी। अब जब सुधा की लाश उसके किराए के मकान से मिली, तो परिवार ने सीधा आरोप मोहिनी पर लगाया है।
पुलिस ने मोहिनी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
🧾 रिश्ते की गहराई सोशल मीडिया से भी हुई जाहिर
सुधा अक्सर मोहिनी के साथ तस्वीरें शेयर करती थी और कैप्शन में लिखती थी –
“With my love, my dear wife”
उनकी इंस्टाग्राम स्टोरीज़ और फेसबुक पोस्ट रिश्ते की गहराई को दर्शाते थे। लेकिन रिश्ते में कुछ समय से खटास की बात भी मोहल्लेवालों और जान-पहचान वालों ने कही है।
🚨 पुलिस जांच में सामने आए अहम तथ्य
- मोहिनी और सुधा के बीच हाल ही में झगड़े की बात सामने आई है।
- घटनास्थल से कुछ आपत्तिजनक वस्तुएं और झगड़े के निशान भी मिले हैं।
- मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि कुछ दिनों से दोनों के बीच बहसें तेज हो गई थीं।
ACP अलीगंज के मुताबिक, “प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत होता है, विस्तृत जांच के बाद स्पष्ट होगा कि इसमें कौन-कौन शामिल है।”
🌐 LGBTQ संदर्भ में बढ़ी बहस
यह मामला LGBTQ समुदाय में रिश्तों को लेकर समाज की सोच और स्वीकार्यता पर भी सवाल खड़े कर रहा है। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मामले को मानसिक दबाव और सामाजिक अस्वीकार्यता से जोड़कर देखा है, जिससे ऐसे रिश्तों में रहने वाले युवा अवसाद या आक्रोश में कदम उठा सकते हैं।