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इजराइल का ईरान पर बड़ा हवाई हमला: 6 एयरपोर्ट निशाने पर, 15 फाइटर जेट और हेलिकॉप्टर तबाह, ईरान ने ड्रोन गिराया

तेहरान/तेल अवीव: इजराइल और ईरान के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है। इजराइली वायुसेना ने रविवार देर रात ईरान के 6 प्रमुख एयरपोर्ट और कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस हमले में इजराइल ने दावा किया कि उसने ईरान के 15 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर नष्ट कर दिए हैं।

इजराइली रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ये हमले ड्रोन और मिसाइलों के जरिए किए गए। वहीं, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल का एक हर्मीस ड्रोन मार गिराया है।


🔥 किन एयरपोर्ट्स पर हुए हमले?

इजराइली हमले में जिन छह एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया, वे हैं:

  • तेहरान
  • मशहद
  • हमादान
  • देजफुल
  • शाहिद बख्तरी
  • तबरीज

इन एयरपोर्ट्स पर स्थित हवाई पट्टियां, फ्यूल टैंक्स, अंडरग्राउंड बंकर और एयरक्राफ्ट शेड्स गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।


💣 कौन-कौन से विमान हुए तबाह?

  • F-14 टॉमकैट
  • F-5 फाइटर
  • AH-1 कोबरा हेलिकॉप्टर
  • एक फ्यूल टैंकर विमान

🛰️ न्यूक्लियर फैक्ट्री पर हमला

इसके अलावा इजराइल ने ईरान के शाहरुद स्थित बैलिस्टिक मिसाइल इंजन फैक्ट्री पर भी बमबारी की है। यह जगह इजराइली सीमा से 2000 किलोमीटर दूर है। हमले में फैक्ट्री की इंफ्रास्ट्रक्चर और मशीनरी पूरी तरह तबाह कर दी गई है।


🇺🇸 ट्रम्प का बड़ा बयान: तख्तापलट का संकेत

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान सरकार पर तंज कसते हुए तख्तापलट की ओर इशारा किया। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:

“अगर मौजूदा ईरानी सरकार ईरान को फिर से महान नहीं बना सकती, तो बदलाव जरूरी है। मेक ईरान ग्रेट अगेन!”


🛫 अमेरिका भी सीधे मैदान में

अमेरिकी वायुसेना ने भी इस संघर्ष में एंट्री करते हुए ईरान के तीन परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया। इसमें अमेरिका के 7 B-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स ने हिस्सा लिया और बंकर बस्टर बम (13,608 किलो) गिराए।


⚠️ संभावित वैश्विक प्रभाव

  • मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर, तेल की कीमतों में तेजी की आशंका
  • UN सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग
  • संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है

📢 निष्कर्ष: क्या यह वर्ल्ड वॉर की दस्तक है?

इजराइल-ईरान संघर्ष अब सिर्फ शब्दों की जंग नहीं, बल्कि सीधे सैन्य हमलों में बदल चुका है। अमेरिका की एंट्री से यह एक अंतरराष्ट्रीय संकट बनता जा रहा है। अब देखना यह है कि क्या यह संघर्ष एक और व्यापक युद्ध की तरफ बढ़ेगा या कूटनीतिक समाधान निकलेगा।

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