‘शुभांशु हनुमानजी के भक्त हैं, गीता भी पढ़ते हैं’: अंतरिक्ष गए एस्ट्रोनॉट के पिता बोले – भगवान पर अटूट विश्वास

लखनऊ। भारत के अंतरिक्ष मिशन में भेजे गए एस्ट्रोनॉट शुभांशु त्रिपाठी के पिता ने बेटे की सकुशल वापसी की कामना करते हुए कहा, “हम सनातनी हैं। भगवान शिव, श्रीराम और हनुमानजी से प्रार्थना कर रहे हैं कि शुभांशु सकुशल लौटे।” शुभांशु के पिता ने बताया कि उनका बेटा शुरू से ही भगवद गीता पढ़ता है और हनुमानजी का भक्त है।
🚀 अंतरिक्ष गया बेटा, घर में भगवत्ता और भावनाएं
बेटे की लॉन्चिंग के दिन से ही पूरा परिवार पूजा-पाठ में जुटा है। घर में हनुमान चालीसा और शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ चल रहा है। शुभांशु की मां ने कहा, “जिस दिन मिशन शुरू हुआ, उस दिन हमने व्रत रखा था। हमारी हर सांस में प्रभु का नाम है और शुभांशु की रक्षा के लिए हर पल हम भगवान को पुकार रहे हैं।”
📖 गीता के ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति में विश्वास
पिता ने बताया कि शुभांशु जब भी छुट्टी पर घर आता था तो रोज सुबह गीता का पाठ करता था। “उसे आत्मबल और निर्णय शक्ति श्रीमद्भगवद गीता से मिलती थी,” उन्होंने कहा। वे मानते हैं कि धर्म और विज्ञान साथ-साथ चलते हैं।
🚩 सिर्फ तकनीक नहीं, विश्वास भी है रॉकेट का ईंधन
भारतीय परिवारों में आज भी विज्ञान और आस्था एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं। शुभांशु के परिवार की तरह कई भारतीय परिवारों का मानना है कि जब तकनीक और श्रद्धा साथ होती है, तभी मिशन सफल होते हैं।
🛕 भगवान भोलेनाथ से है पूरी आस्था
शुभांशु के घर में महादेव की विशेष पूजा की जा रही है। उनके पिता बोले, “जब शिवजी ने विष पी लिया, तो हमारी छोटी सी चिंता क्या है! वो जरूर हमारे बेटे को आशीर्वाद देंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका परिवार सदैव सेवा, श्रद्धा और संस्कार में विश्वास करता है।
🎯 निष्कर्ष
भारत के अंतरिक्ष अभियान जितना वैज्ञानिक पराक्रम का विषय है, उतना ही संस्कृति, श्रद्धा और परिवार की ताकत का भी प्रतीक है। शुभांशु त्रिपाठी की सफलता और सकुशल वापसी के लिए जहां वैज्ञानिकों की तकनीकी शक्ति काम कर रही है, वहीं हनुमानजी और भोलेनाथ में अटूट आस्था भी उसे ऊर्जा दे रही है।