‘यूपी की स्वास्थ्य सेवा ICU में है’: लखनऊ में अखिलेश यादव का योगी सरकार पर तीखा हमला
पूर्व मुख्यमंत्री बोले - गरीबों का इलाज राम भरोसे, कारोबार और उद्योगों में लगा है आपातकाल

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को राजधानी लखनऊ के शताब्दी हॉस्पिटल में आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में हिस्सा लेते हुए उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था और आर्थिक हालात पर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि “यूपी की स्वास्थ्य सेवा ICU में पड़ी है और गरीबों का इलाज राम भरोसे चल रहा है।”
अखिलेश यादव ने लगाए गंभीर आरोप, सरकार को बताया नाकाम
अखिलेश यादव ने कहा,
“आज गरीब को न दवा मिल रही है, न डॉक्टर और न अस्पताल में जगह। सरकारी अस्पतालों की हालत देखकर लगता है कि व्यवस्था सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए बची है। उद्योग और व्यापार ठप हो चुके हैं। यूपी में रोजगार के नाम पर केवल जुमले चल रहे हैं।”
शिविर में जुटे PDA वर्ग के लोग, सामाजिक एकता पर दिया ज़ोर
स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में मौर्य, शाक्य, कुशवाहा और सैनी समाज (पीडीए) के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। अखिलेश यादव ने इस अवसर पर सामाजिक एकता और पिछड़े वर्ग के राजनीतिक जागरूकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब समाज को मिलकर संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करनी होगी।
रक्तदान को बताया जीवनदान, युवाओं से जुड़ने का प्रयास
अखिलेश ने युवाओं से अपील की कि रक्तदान जैसे अभियानों से जुड़ें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा जनसेवा के कार्यों में अग्रणी रही है और यही उसका असली चेहरा है।
“UP में आपातकाल जैसे हालात, लोकतंत्र खतरे में”
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
“मीडिया को दबाया जा रहा है, उद्योगपति पलायन कर रहे हैं, व्यापारी डरे हुए हैं। यह राजनीतिक नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक आपातकाल है।”
सरकार की योजनाओं पर तंज, स्वास्थ्य मॉडल पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार की आयुष्मान भारत योजना पर तंज कसते हुए कहा,
“आयुष्मान कार्ड सिर्फ कागज़ पर चलता है, ज़मीनी हकीकत में गरीब अस्पतालों के बाहर लाइन में मर रहा है। ये योजना नहीं, एक दिखावा है।”
राजनीतिक संदेश: 2027 की तैयारी में जुटी सपा
यह कार्यक्रम अखिलेश यादव के 51वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर हुआ, जो पार्टी के आगामी चुनावों की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसमें PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग की भागीदारी को संगठनात्मक मजबूती के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।