विदेश यात्रा के तीसरे चरण में अर्जेंटीना पहुंचे पीएम मोदी: राष्ट्रपति माइली से द्विपक्षीय वार्ता, कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर होगा फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ करेंगे उच्च स्तरीय वार्ता, स्वतंत्रता सेनानी सैन मार्टिन को दी श्रद्धांजलि, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी होगी और मजबूत।

ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बहुप्रतीक्षित विदेश यात्रा के तीसरे चरण में दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना पहुंचे हैं। इससे पहले वे घाना और त्रिनिदाद एंड टोबैगो का दौरा कर चुके हैं। अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया गया।
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय वार्ता में भाग लेंगे। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, रक्षा, खनिज, ऊर्जा, कृषि और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने पर चर्चा होगी।
🇮🇳 🇦🇷 मोदी का कार्यक्रम:
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डे सैन मार्टिन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति माइली के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई, जिसके उपरांत पीएम मोदी के सम्मान में भोज भी आयोजित किया गया।
🤝 मजबूत होते संबंध:
भारत और अर्जेंटीना के बीच 2019 से रणनीतिक साझेदारी है और 2024 में दोनों देशों ने 75 वर्षों के राजनयिक संबंध पूरे होने का जश्न भी मनाया था। अर्जेंटीना में योग, आयुर्वेद और भारतीय दर्शन की गहरी पैठ है, जिससे सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी अर्जेंटीना को लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख साझेदार और G20 के स्तर पर भरोसेमंद सहयोगी बता चुके हैं।
🌐 द्विपक्षीय वार्ता के प्रमुख मुद्दे:
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रक्षा सहयोग: सैन्य उपकरणों की आपूर्ति और संयुक्त प्रशिक्षण।
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खनन और ऊर्जा: लिथियम, गैस और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश।
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कृषि और खाद्य सुरक्षा: खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात बढ़ाने पर सहयोग।
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व्यापार और निवेश: भारतीय कंपनियों के लिए अवसर और अर्जेंटीनी बाजार तक पहुंच।
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जन-जन संपर्क: नागरिकों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान।
🔍 निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की एक्टिव लैटिन अमेरिका नीति का स्पष्ट संकेत है। अर्जेंटीना जैसे उभरते साझेदार के साथ गहरे होते रिश्ते दोनों देशों की अर्थव्यवस्था, विदेश नीति और वैश्विक मंचों पर सहयोग को नई ऊंचाई दे सकते हैं।