भाजपा अध्यक्ष की रेस में शिवराज, खट्टर समेत 6 दावेदार: संगठन, जाति और क्षेत्रीय समीकरणों पर हो रहा मंथन
4 केंद्रीय मंत्री और 2 राष्ट्रीय महासचिव हैं दावेदार; केंद्रीय चुनाव समिति के गठन के बाद हो सकता है नाम का ऐलान

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की आहट तेज हो गई है। मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने जा रहा है, ऐसे में पार्टी अब नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर मंथन में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक, 6 चेहरे भाजपा अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे हैं, जिनमें चार केंद्रीय मंत्री और दो राष्ट्रीय महासचिव शामिल हैं।
यह बदलाव सिर्फ संगठनात्मक नहीं बल्कि आगामी राजनीतिक समीकरणों और आगामी राज्यों के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जाएगा। जातीय और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व भी इस बार चयन में अहम भूमिका निभाएगा।
ये हैं वो 6 दावेदार जो रेस में सबसे आगे माने जा रहे हैं:
1. शिवराज सिंह चौहान (मध्यप्रदेश)
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्र में कृषि मंत्री हैं। संगठनात्मक अनुभव के साथ-साथ ग्रामीण और ओबीसी वर्ग में गहरी पकड़ है। संघ की भी मजबूत पृष्ठभूमि है।
2. मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा)
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और अब केंद्र में मंत्री। संगठन के प्रति अनुशासित और साफ छवि के नेता माने जाते हैं। जाट बनाम गैर-जाट समीकरणों में संतुलन बना सकते हैं।
3. धर्मेंद्र प्रधान (ओडिशा)
ओडिशा से आने वाले धर्मेंद्र प्रधान के पास संगठन और सरकार, दोनों का अनुभव है। शिक्षा मंत्री होने के साथ-साथ भाजपा की कई चुनावी रणनीतियों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
4. भूपेंद्र यादव (राजस्थान)
कानून मंत्री और भाजपा के बड़े रणनीतिकारों में शुमार। संगठनात्मक क्षमता के साथ-साथ राजस्थान और पश्चिम भारत में मजबूत पकड़ रखते हैं।
5. विनोद तावड़े (महाराष्ट्र)
राष्ट्रीय महासचिव और भाजपा के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रभारी। मराठी नेता के रूप में संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं। तकनीकी, सादगी और अनुशासन उनकी छवि को और मजबूत करते हैं।
6. सुनिल बंसल (उत्तर प्रदेश)
राष्ट्रीय महासचिव और संगठन के मामलों में माहिर। 2014 और 2019 के आम चुनावों और यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा की रणनीति के मुख्य शिल्पकारों में से एक।
संगठनात्मक बदलाव का यह है एजेंडा:
पार्टी इस बार नए अध्यक्ष के चयन में 2029 की तैयारी, 2025-26 के विधानसभा चुनाव, संगठन में युवा नेतृत्व की भागीदारी और जातीय-क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है।
केंद्रीय चुनाव समिति का गठन जल्द
भाजपा नेतृत्व जल्द ही केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) का गठन करेगा, जो अध्यक्ष पद के लिए नामों पर अंतिम मुहर लगाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और संघ के समन्वय से यह फैसला लिया जाएगा।
क्या बोले सूत्र?
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने बताया, “चयन सिर्फ एक चेहरे का नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीति का हिस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष इस पूरी प्रक्रिया पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।”
निष्कर्ष:
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा अब संगठन को भविष्य के लिए और मजबूत बनाने में जुट गई है। नए अध्यक्ष का चेहरा चाहे कोई भी हो, यह तय है कि वह व्यक्ति भाजपा के अगले 5 साल की रणनीति और चुनावी मिजाज को तय करेगा।