खेमका हत्याकांड पर राहुल गांधी का हमला: बिहार बना ‘क्राइम कैपिटल’, भाजपा-नीतीश सरकार पर असफलता का आरोप
पटना के कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के बाद राहुल गांधी ने कहा- अपराध बिहार में ‘नया नॉर्मल’ बन चुका है

पटना। बिहार की राजधानी में कारोबारी गोपाल खेमका की सरेआम गोली मारकर की गई हत्या ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सत्ताधारी भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि “बिहार आज अपराध का गढ़ बन चुका है, और यहां अपराध अब ‘नया नॉर्मल’ बन गया है।”
राहुल गांधी ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—
“पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की सरेआम गोली मारकर हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया है – भाजपा और नीतीश कुमार ने मिलकर बिहार को ‘भारत की क्राइम कैपिटल’ बना दिया है।”
उन्होंने आगे लिखा,
“बिहार आज लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है। जो सरकार जनता की सुरक्षा नहीं कर सकती, वह उनके भविष्य की जिम्मेदारी भी नहीं ले सकती।”
राहुल ने अपने पोस्ट में सरकार पर तीखा हमला करते हुए इसे बदलाव की चीख बताया और अपील की कि “इस बार वोट सिर्फ सरकार बदलने के लिए नहीं, बल्कि बिहार को बचाने के लिए होगा।”
🕵️ खेमका हत्याकांड: क्या है पूरा मामला?
पटना के प्रतिष्ठित कारोबारी गोपाल खेमका की शुक्रवार रात करीब 11:30 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास उनके अपार्टमेंट के बाहर हुई, जब वे बांकीपुर क्लब से लौट रहे थे। अपराधी पहले से घात लगाकर बैठे थे और जैसे ही वे गाड़ी से उतरे, सिर में गोली मार दी गई।
उन्हें तुरंत मेडिवर्सल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि एक अपराधी उन्हें गोली मारकर बाइक से फरार हो गया।
📂 7 साल पहले बेटे की भी हुई थी हत्या
खेमका परिवार इससे पहले भी एक दर्दनाक वारदात झेल चुका है। साल 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी। उन्हें भी फैक्ट्री के सामने गोली मारी गई थी।
उनके दूसरे बेटे गौरव खेमका आईजीआईएमएस में डॉक्टर हैं, जबकि बेटी लंदन में रहती हैं। गोपाल खेमका का व्यवसाय पेट्रोल पंप, अस्पताल और फैक्ट्री तक फैला हुआ था।
🔍 जांच की दिशा: जमीन विवाद और सुपारी किलिंग
पुलिस जांच में अब तक जो बातें सामने आई हैं, उनके अनुसार जमीन विवाद इस हत्या का प्रमुख कारण हो सकता है। आईजी जितेंद्र राणा ने बताया कि हत्या सुपारी देकर कराई गई है।
पुलिस ने फतुहा औद्योगिक क्षेत्र और आरा में छापेमारी की है। साथ ही तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है और तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। बेऊर जेल से कुछ जरूरी लीड्स मिलने की बात भी सामने आई है।
📢 जनता में आक्रोश, विपक्ष हमलावर
इस हाई-प्रोफाइल हत्याकांड के बाद बिहार में विपक्ष हमलावर है और आम नागरिकों में भी आक्रोश है। राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे अब चुनावी राजनीति का केंद्र बन सकते हैं।
इस घटना ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार की नाकामी उजागर की है, बल्कि लोगों के सुरक्षा के भरोसे को भी कमजोर किया है।
🔚 निष्कर्ष:
गोपाल खेमका की हत्या ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बिहार में अपराधी बेखौफ हैं। जब एक प्रतिष्ठित व्यापारी को सरेआम गोली मारी जा सकती है, तो आम आदमी खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेगा? यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता का प्रतीक है।
अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस चुनौती का सामना कर पाएगी या फिर जनता का भरोसा किसी नए नेतृत्व की ओर मुड़ेगा?