ISS से वीडियो कॉल पर परिवार को दिखाया अंतरिक्ष: शुभांशु बोले- टारगेट जरूर पूरा करूंगा, मां ने कहा- चमत्कार जैसा पल
लखनऊ के रहने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से घरवालों से की बात; सूर्योदय का लाइव दृश्य भी दिखाया

लखनऊ। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से अपने परिवार को न केवल फोन किया, बल्कि उन्हें अंतरिक्ष की झलक भी दिखाई। वीडियो कॉल के माध्यम से शुभांशु ने लखनऊ में अपने माता-पिता और परिवार से बातचीत की। कॉल के दौरान उन्होंने वहां का सूर्योदय और स्पेस स्टेशन का 360 डिग्री व्यू भी दिखाया। यह क्षण परिवार के लिए अविश्वसनीय और भावुक करने वाला था।
📱 पिता से बोले शुभांशु – “टारगेट पूरा होगा, बस आशीर्वाद बना रहे”
बातचीत के दौरान शुभांशु ने अपने पिता अशोक शुक्ला से कहा,
“पापा, मिशन के सभी टारगेट पूरे होंगे, बस आप सबका आशीर्वाद बना रहे।”
इस भावुक क्षण में उनकी माँ सरला देवी की आंखों में आँसू थे। उन्होंने कहा,
“वो पल हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। जब हमारे बेटे ने हमें अंतरिक्ष से सीधे सूर्योदय दिखाया, तो जैसे समय थम गया।”
☀️ सूर्योदय का सीधा दृश्य देख भावुक हुए घरवाले
शुभांशु ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से दिखाया कि कैसे पृथ्वी पर सूरज की किरणें धीरे-धीरे फैलती हैं।
“यह दृश्य शायद ही कभी धरती से महसूस हो सके। अंतरिक्ष से देखना एक अलग ही अनुभूति देता है,”
उन्होंने कहा।
इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य, पड़ोसी और कुछ मीडिया कर्मी भी उपस्थित थे। सभी ने उस दृश्य को टीवी स्क्रीन और लैपटॉप के जरिए देखा, जिसे शुभांशु ने सैटेलाइट लिंक से साझा किया।
🇮🇳 भारत के लिए गर्व का क्षण
शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं, जिन्होंने स्पेस से परिवार से इस तरह की लाइव बातचीत की। यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। इस वीडियो कॉल ने यह भी दिखाया कि भारतीय वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री अब तकनीक और भावना दोनों में विश्व के समकक्ष खड़े हैं।
👨🚀 कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
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जन्मस्थान: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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शिक्षा: IIT कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
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मिशन: अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में स्पेस रिसर्च
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कार्य: अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी पर रिसर्च और पर्यावरणीय डेटा का संग्रह
उनकी यह स्पेस यात्रा भारत-अमेरिका स्पेस कोऑपरेशन मिशन 2025 का हिस्सा है। वे वहाँ 6 महीने का रिसर्च मिशन पूरा कर रहे हैं।
🗣️ समाज में संदेश – सपनों की कोई सीमा नहीं
यह घटना देशभर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि सपने चाहे जितने भी बड़े हों, अगर जिद हो, तो पूरा किया जा सकता है। शुभांशु ने एक मध्यवर्गीय परिवार से निकलकर, अंतरिक्ष तक की यात्रा तय की है।