पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की 18वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम: कृषि महाविद्यालय में पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया स्मरण
बक्शी का तालाब स्थित चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मनाई गई पुण्यतिथि, डॉ. बैजनाथ रावत बोले - "अद्भुत राजनीतिक पुजारी थे चंद्रशेखर जी"

बक्शी का तालाब (लखनऊ):
बक्शी का तालाब स्थित चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर जी की 18वीं पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रबंधन, शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखर जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए।
“अद्भुत राजनीतिक पुजारी थे चंद्रशेखर जी” – डॉ. बैजनाथ रावत
महाविद्यालय प्रबंध तंत्र के महामंत्री डॉ. बैजनाथ रावत ने चंद्रशेखर जी को याद करते हुए कहा:
“वे समाज को नजदीक से जानने और समझने वाले प्रखर चिंतक और जननायक थे। उन्होंने कभी राजनीतिक अवसरवादिता को स्वीकार नहीं किया। जब उन्हें अहसास हुआ कि वे अल्पमत में हैं, तो उन्होंने प्रधानमंत्री पद से स्वयं इस्तीफा दे दिया, यह उनकी वैचारिक दृढ़ता और ईमानदारी का प्रतीक है।”
“हमेशा जोड़ने वाले, तोड़ने वाले नहीं थे” – डॉ. एस.के. सिंह
महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ. एस.के. सिंह ने श्रद्धांजलि सभा में कहा:
“श्रद्धेय चंद्रशेखर जी ने हमेशा समाज को जोड़ने की कोशिश की, कभी किसी पार्टी को तोड़ने का कार्य नहीं किया। वे एक ऐसे नेता थे जो सामाजिक समरसता और नैतिक राजनीति के प्रतीक रहे।”
प्रतिमा पर पुष्पांजलि और शांति पाठ
कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थितजनोंने चंद्रशेखर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर शांति पाठ और मौन श्रद्धांजलि के माध्यम से उन्हें याद किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे विशिष्टजन
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. गजेंद्र सिंह, प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल चौरसिया, कुलानुशासक डॉ. योगेंद्र कुमार सिंह, डॉ. सुधाकर सिंह, डॉ. सुधीर कुमार रघुवंशी, डॉ. धर्मेश कुमार सिंह, डॉ. अनिल कुमार वर्मा, डॉ. रविशंकर वर्मा, डॉ. विवेक वर्मा, डॉ. हरीश यादव, डॉ. लल्लन प्रसाद यादव, डॉ. जसकरन सिंह, डॉ. दीप्ति श्रीवास्तव, श्रीमती प्रतिमा सिंह, शिव बहादुर सिंह चौहान और राम प्रकाश सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
निष्कर्ष
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी की पुण्यतिथि केवल एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक शुचिता और सिद्धांतों के प्रतीक नेता को स्मरण करने का अवसर है। बक्शी का तालाब स्थित कृषि महाविद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम नई पीढ़ी के लिए राजनीति में आदर्शों के महत्व को समझने का एक प्रेरणादायक प्रयास रहा।