वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका ने भारत सहित 70 देशों पर लागू होने वाले नए टैरिफ को एक हफ्ते के लिए स्थगित कर दिया है। पहले ये टैरिफ 1 अगस्त से प्रभावी होना था, लेकिन अब यह 7 अगस्त 2025 से लागू होगा। गुरुवार को व्हाइट हाउस द्वारा जारी आधिकारिक सूची में इस स्थगन की पुष्टि की गई है।
📃 कार्यकारी आदेश में घोषित: 25% टैरिफ भारत पर भी
“पारस्परिक टैरिफ दरों में और संशोधन” शीर्षक वाले कार्यकारी आदेश में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग 70 देशों के लिए नई टैरिफ दरों की घोषणा की। आदेश में भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की स्पष्ट पुष्टि की गई है।
🗣 ट्रंप का बयान: “बातचीत चल रही है, लेकिन संतुलन नहीं बन पाया”
राष्ट्रपति ट्रंप ने आदेश के साथ जारी अपने बयान में कहा:
“कई व्यापारिक साझेदार हमारे साथ व्यापार और सुरक्षा समझौते करने के लिए सहमत हो चुके हैं या सहमति के करीब हैं। यह उनके ईमानदार इरादों का संकेत है।”
लेकिन ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ देश अब भी ऐसी शर्तें रख रहे हैं जो अमेरिका के हितों से मेल नहीं खातीं।
“बातचीत के बावजूद, कई देशों ने ऐसी शर्तें पेश की हैं जो व्यापारिक असंतुलन को खत्म करने में नाकाम रही हैं या आर्थिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में अमेरिका के साथ तालमेल बिठाने में असफल रही हैं।”
🇮🇳 भारत पर प्रभाव: निर्यात महंगा, बाजार अस्थिर
भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ से भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका लग सकता है। अमेरिका, भारत के उत्पादों का एक प्रमुख खरीदार है। ऐसे में उच्च टैरिफ के कारण अमेरिकी बाजार में भारतीय वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, और उनकी जगह कम टैरिफ वाले देशों के उत्पादों को वरीयता मिल सकती है।
📋 प्रमुख बिंदु:
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अमेरिका ने 1 अगस्त से लागू होने वाले टैरिफ को अब 7 अगस्त तक टाल दिया है।
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भारत पर 25% टैरिफ लागू करने का निर्णय बरकरार है।
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कार्यकारी आदेश में लगभग 70 देशों की सूची जारी की गई है।
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ट्रंप ने कहा, “व्यापार संतुलन अभी भी नहीं बन पाया है।”
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भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा में नुकसान हो सकता है।
🔚 निष्कर्ष:
व्हाइट हाउस के इस निर्णय ने भारत समेत कई देशों को 7 दिन की राहत तो दी है, लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका अब ट्रेड असंतुलन और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगा।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत और अन्य देश अमेरिका के साथ नई व्यापार शर्तों पर सहमति जताते हैं या फिर ये टैरिफ लंबे समय तक वैश्विक व्यापार पर असर डालेंगे।