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हरिद्वार के चंडी मंदिर के महंत की हरकत से कोर्ट हैरान: शादी एक से, दूसरी संग लिव इन; तीसरी को छेड़कर गया जेल

हरिद्वार/उत्तराखंड। हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी मंदिर को लेकर चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंदिर के चढ़ावे में गड़बड़ी और महंत रोहित गिरि की निजी जिंदगी में उठे विवादों के मद्देनज़र मंदिर का प्रबंधन बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (Badrinath-Kedarnath Temple Committee – BKTC) को सौंपने का आदेश दिया है।

महंत रोहित गिरि की विवादित गतिविधियां अब अदालत की चौखट तक पहुंच चुकी हैं। एक से शादी, दूसरी के साथ लिव-इन और तीसरी महिला से छेड़छाड़ के मामले ने न केवल धार्मिक आस्थाओं को झकझोर दिया है बल्कि मंदिर की गरिमा को भी सवालों में ला खड़ा किया है।


🔍 मामला क्या है?

शिकायतकर्ता गीतांजलि ने कोर्ट में कहा कि उसका विवाह रोहित गिरि से हुआ था, लेकिन शादी के कुछ समय बाद रोहित ने उसकी उपेक्षा शुरू कर दी। 2021 में रोहित ने अपनी पत्नी को बताया कि उसकी पुरानी परिचित रीना बिष्ट आई है, जिसे उसने पत्नी की सहमति से घर में रहने दिया। लेकिन बाद में एक डायरी मिली, जिसमें रीना के नाम 5.5 लाख रुपये की एफडी बनाने का जिक्र था।

जब गीतांजलि ने इस बारे में सवाल किया, तो रोहित ने कबूला कि रीना ने शारीरिक संबंध बनाकर वीडियो बना लिया था, जिसके कारण वह उसे पैसे देता था। जनवरी 2025 में रीना और रोहित के अवैध संबंध से एक बच्ची का जन्म भी हुआ।


🚨 तीसरी महिला से छेड़छाड़ और जेल

14 मई 2025 को पंजाब पुलिस ने रोहित गिरि को एक महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार किया। अदालत में यह भी आरोप सामने आया कि रीना बिष्ट पर चढ़ावे की रकम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर, उसे धमका कर गीतांजलि से ट्रस्ट पद से इस्तीफा लेने और रोहित को तलाक देने का दबाव डाला गया।

🏛️ हाईकोर्ट की सख्ती

न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए चंडी मंदिर की पवित्रता और प्रबंधन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बीकेटीसी को अस्थायी तौर पर मंदिर का जिम्मा सौंपा है। अदालत ने कहा, “ये कैसा महंत है जो एक से शादी कर, दूसरी के साथ लिव-इन में रहता है और तीसरी महिला से छेड़खानी कर जेल चला जाता है।”

अदालत ने सभी संबंधित व्यक्तियों के मंदिर परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है ताकि श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे और मंदिर की गरिमा बनी रहे।


🔐 मंदिर संपत्ति और चढ़ावे में घोटाले का आरोप

कोर्ट में पेश दस्तावेजों के अनुसार, मंदिर के लाखों रुपये के चढ़ावे को रीना, रोहित और अन्य ने निजी खर्चों में इस्तेमाल किया। गीतांजलि ने आरोप लगाया कि उसे फंसाने और ट्रस्ट से हटाने के लिए साजिश रची गई थी। यहां तक कि स्कूल की फीस की राशि को भी मंदिर का पैसा बताकर हल्ला मचाया गया।


निष्कर्ष:

हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थल पर स्थित प्रतिष्ठित मंदिर के महंत द्वारा ऐसी गतिविधियां करना न केवल निंदनीय है, बल्कि यह आस्था को गहरी चोट पहुंचाता है। हाईकोर्ट का हस्तक्षेप इस बात का संकेत है कि अब मंदिर प्रबंधन में जवाबदेही और पारदर्शिता की आवश्यकता है।

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