उत्तर प्रदेशलखनऊ

8वीं मोहर्रम पर आज लखनऊ में बदलेगा ट्रैफिक रूट: शाम 7 बजे से डायवर्जन लागू, रात 9 बजे से निकलेगा अलम-ए-फातेह-फुरात का जुलूस

पुराने लखनऊ में दरियावाली मस्जिद से शुरू होकर विभिन्न रास्तों से गुजरेगा जुलूस, प्रशासन ने यातायात को लेकर जारी की विस्तृत गाइडलाइन

लखनऊ: के पुराने शहर क्षेत्र में 8वीं मोहर्रम के अवसर पर आज अलम-ए-फातेह-फुरात का पारंपरिक जुलूस निकलेगा। इसके चलते शाम 7 बजे से शहर के कई हिस्सों में यातायात डायवर्जन लागू रहेगा। जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता से सहयोग की अपील करते हुए वैकल्पिक मार्गों की सूची भी जारी कर दी है।


जुलूस का समय और मार्ग

  • जुलूस रात 9 बजे से निकलेगा।

  • प्रारंभ स्थल: दरियावाली मस्जिद (जिन्नात वाली मस्जिद)

  • प्रमुख मार्ग:

    • दरियावाली मस्जिद

    • पक्का पुल चौराहा

    • बड़ा इमामबाड़ा के सामने

    • रूमीगेट

    • नींबू पार्क (रूमीगेट पुलिस चौकी)

    • खुन-खुन जी रोड

    • दारूलशफा होते हुए

    • कर्बला तालकटोरा तक जाएगा।


शाम 7 बजे से डायवर्जन लागू

लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, शाम 7 बजे से लेकर रात तक कई रूटों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। खासतौर पर पुराना लखनऊ क्षेत्र जैसे चौक, रूमीगेट, बड़ा इमामबाड़ा और खुन-खुन जी रोड से होकर गुजरने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जाएगा।


वैकल्पिक मार्ग और सलाह:

  • हुसैनाबाद क्षेत्र जाने वाले निजी और सार्वजनिक वाहनों को पहले से ही सीलन, मेडिकल कॉलेज या अमीनाबाद की ओर मोड़ा जाएगा।

  • चारबाग से पुराने लखनऊ की ओर जाने वालों को नाका, कैंट और सप्रू मार्ग की ओर डायवर्ट किया जाएगा।

  • प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि बेवजह पुराने लखनऊ की ओर यात्रा न करें और आपातकालीन स्थिति में पुलिस सहायता नंबर 112 का उपयोग करें।


सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम

लखनऊ पुलिस ने बताया कि जुलूस मार्ग पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, ड्रोन कैमरों की तैनाती और पैदल पुलिस दल की व्यवस्था की गई है। हर चौराहे और महत्वपूर्ण स्थान पर पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है। किसी भी प्रकार की अफवाह या शरारत से निपटने के लिए साइबर सेल और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल भी सक्रिय है।


धार्मिक सौहार्द का प्रतीक है यह जुलूस

अलम-ए-फातेह-फुरात का यह जुलूस हर साल मोहर्रम की 8वीं तारीख को निकाला जाता है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शरीक होते हैं। यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांप्रदायिक सौहार्द, श्रद्धा और अनुशासन का प्रतीक बन गया है। जुलूस में शामिल लोग ताजियादारी, मातम और नारे लगाते हुए कर्बला के शहीदों को याद करते हैं।


प्रशासन ने की अपील

जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त ने एक संयुक्त बयान में कहा:

“जनता से अपील है कि वे प्रशासन का सहयोग करें, ट्रैफिक गाइडलाइन का पालन करें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। हमारा उद्देश्य है कि यह धार्मिक आयोजन शांति, सुरक्षा और श्रद्धा के साथ संपन्न हो।”


निष्कर्ष:

8वीं मोहर्रम पर लखनऊ की गलियों में जहां एक ओर मातम और श्रद्धा का माहौल रहेगा, वहीं दूसरी ओर प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्था को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ी है। नागरिकों से अपेक्षा है कि वे धैर्य, संयम और सहयोग के साथ इस पर्व में अपनी भागीदारी निभाएं।

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