उत्तर प्रदेशगोंडा
गृहिणी का संकल्प — जीवन के हर मोड़ पर प्रेम, सेवा और धर्म का दीप जलाती नारी


लेखक परिचय: दीपांजली शर्मा
गृहिणी का संकल्प
हाथों में हर पल हाथ रहे,
संग पिया तेरा साथ रहे।
कठिन-सहज जीवन के पथ में,
सदा प्रेम के बहते जल में॥
नवजीवन की हो शुरुआत,
सुधरें सब दोष दिन-रात।
नयनों में हो प्रेम-सुधा,
वाणी बोले मधु-रस गा॥
छोटों से अनुराग बढ़े,
बड़ों को सदा मान चढ़े।
गृह में हो मंगल-विहार,
वेद-पुराणों का आधार॥
तन निर्मल, मन पावन हो,
धर्म-नारी सेवा गुण हो।
कर्तव्य निभे निस्वार्थ भाव,
यही गृहिणी का हो स्वभाव॥
लेखक परिचय: दीपांजली शर्मा बीसोखोर
कटहरी बाज़ार महराजगंज