गोंडा (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर चर्चाओं का केंद्र बने कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हालिया मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह स्वयं मुख्यमंत्री से मिलने नहीं गए थे, बल्कि मुख्यमंत्री योगी ने ही उन्हें बुलाया था।
शनिवार को गोंडा में एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा –
“मैंने पहले ही तय कर लिया था कि जब तक मुख्यमंत्री खुद नहीं बुलाएंगे, मैं मिलने नहीं जाऊंगा। और जब बुलावा आया, तब मैं गया।”
🔹 राजनीतिक संकेतों से भरा बयान
बृजभूषण सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब बीजेपी में टिकट बंटवारे और संगठन की रणनीति को लेकर अंदरखाने चर्चाएं तेज़ हैं। हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया था और उनके बेटे किरण सिंह को मौका मिला था। इसके बाद से बृजभूषण सिंह की गतिविधियों पर लगातार नज़र बनी हुई है।
उनकी इस टिप्पणी को पार्टी और मुख्यमंत्री से उनके संबंधों का सार्वजनिक संकेत माना जा रहा है।
🔹 क्या है मुलाकात की पृष्ठभूमि?
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बृजभूषण सिंह की एक मुलाकात हुई थी, जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या यह भविष्य की किसी रणनीति का हिस्सा है या पार्टी में कोई बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
बृजभूषण सिंह ने अब खुद यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी मर्ज़ी से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के बुलावे पर ही गए थे।
🔹 जनता से जुड़ने की कोशिश में बृजभूषण
इस बयान के साथ ही उन्होंने छात्रों के सामने अपनी छवि एक अनुशासित और सिद्धांतवादी नेता की बनाई, जो “बिना बुलाए सत्ता के पास नहीं जाता।” इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि वो अब भी पार्टी के अनुशासन और नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हैं।
📌 निष्कर्ष:
बृजभूषण सिंह का यह बयान जहां उनकी राजनीतिक समझदारी को दर्शाता है, वहीं यह भी संकेत देता है कि वो अभी भी सत्ता और संगठन में सक्रिय बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी के बुलावे का ज़िक्र करके उन्होंने अपने राजनीतिक महत्व को भी रेखांकित किया है।