बोले- सदन में करते है कभी सरकार तो कभी RSS की तारिफ, खरगे का उपराष्ट्रपति धनखड़ पर सनसनीखेज आरोप

Kharge Attack On Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है. अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा, पिछले 3 सालों में उनका आचरण संविधान के विपरीत रहा है, उनका ध्यान सरकार की तारीफ करने में ज्यादा रहा है, सदन के अंदर कभी वह RSS की तारीफ करते हैं, कभी सरकार की. विपक्ष की आवाज को दबाने का काम राज्यसभा के सभापति करते हैं.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ने सभापति के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 3 सालों में उनका आचरण संविधान के विपरीत रहा है, सभापति विपक्षी दलों को अपने विरोधी की तरह देखते हैं. उन्होंने कहा, संसद में विपक्षी पार्टियों की आवाज योजनाबद्ध तरीके से रोकते हैं. विपक्ष की आवाज को दबाने का काम राज्यसभा के सभापति करते हैं. सदन अगर नहीं चलता है तो उसका कारण हमारे सभापति हैं.
इंडिया गठबंधन ने अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है. 1952 से अब तक किसी भी उप राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया. क्योंकि सभी निष्पक्ष रहे और नियमों के मुताबिक सदन चलाया, लेकिन आज सदन में नियमों को छोड़कर राजनीति हो रही है. खरगे ने कहा कि सभापति के आचरण ने देश की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने ऐसी स्थिति बना दी है कि हमें अविश्वास प्रस्ताव लेकर आना पड़ा. हमारा उनसे निजी बैर नहीं है.
इसे भी पढ़ें-महाकुंभ को लेकर मुख्य सचिव ने की अहम बैठक, चप्पे-चप्पे पर होगी पैनी नजर, सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
सभापति के तरफ से किए जा रहे भेदभाव के कारण हमने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. बीते तीन सालों में उनका आचरण उनकी पद की गरिमा के विपरीत रहा है. वो ख़ुद को आरएसएस का एकलव्य बताते हैं, विपक्ष को विरोधी मानते हैं. अपमानजनक टिप्पणियाँ करते हैं. सदन में काफी अनुभवी सदस्य हैं, लेकिन सभापति उन्हें हेडमास्टर की तरह प्रवचन देते हैं. सभापति योजनाबद्ध तरीके से चर्चा नहीं होने देते. विपक्ष को बोलने नहीं देते. उनकी निष्ठा संविधान की बजाय सत्ताधारी दल के लिए है. वो प्रमोशन के लिए सरकार के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं. सदन में गतिरोध का सबसे बड़ा कारण सभापति खुद हैं.
इंडिया गठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता रहे मौजूद
इस दौरान इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दल के नेता मौजूद रहे. जिसमें कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश रहे. शरद पवार की एनसीपी से फौजिया खान, आरजेडी से मनोज झा, डीएमके से तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी से जावेद अली खान, टीएमसी से नदीमुल हक और सागरिका घोष, शिवसेना यूबीटी से संजय राउत, सीपीएम से जॉन ब्रिटास, सीपीआई से संदोष कुमार और केसीएम से जोस के मणि मौजूद रहे.
NEWS SOURCE Credit : lalluram