लखनऊ में सपा कार्यकर्ताओं का हंगामा: कलेक्ट्रेट गेट तोड़ा, करणी सेना पर कार्रवाई की मांग, सीएम योगी का इस्तीफा मांगा
लखनऊ सपा प्रदर्शन, कलेक्ट्रेट गेट तोड़फोड़, करणी सेना विवाद, सीएम योगी इस्तीफा मांग

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए कैसरबाग स्थित कलेक्ट्रेट ऑफिस का मुख्य गेट तोड़ दिया। कार्यकर्ताओं की मांग थी कि करणी सेना के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और सांसद रामलाल जी सुमन पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें।
🔥 क्या हुआ प्रदर्शन में?
सपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर जोरदार नारेबाजी की और देखते ही देखते मुख्य गेट को क्षतिग्रस्त कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं से धक्का-मुक्की हो गई। प्रदर्शनकारियों ने “योगी इस्तीफा दो”, “दलित विरोधी सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए।
👤 सांसद रामलाल सुमन पर हमले से भड़के कार्यकर्ता
प्रदर्शन का मुख्य कारण हाल ही में सपा सांसद रामलाल जी सुमन पर कथित हमले को लेकर था, जिसमें कार्यकर्ताओं ने करणी सेना को जिम्मेदार ठहराया। सपा नेताओं का कहना है कि यह हमला न सिर्फ एक व्यक्ति पर, बल्कि संविधान और लोकतंत्र पर हमला है।
🗣️ प्रमुख मांगें:
- करणी सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा।
- दलित जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- राज्य सरकार की ‘चुप्पी’ पर जवाब मांगा गया।
🚓 प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने प्रदर्शन को अनुचित और हिंसात्मक करार देते हुए कहा कि कलेक्ट्रेट परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना कानूनन अपराध है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की पहचान कर CCTV फुटेज खंगालने की बात कही है। एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
🧭 राजनीतिक माहौल गरमाया
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल पहले ही लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र गर्म है। सपा इस मुद्दे को लेकर दलित उत्पीड़न और लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन का हवाला देते हुए बड़ा अभियान छेड़ सकती है।
📌 निष्कर्ष:
सपा कार्यकर्ताओं का लखनऊ में उग्र प्रदर्शन एक बार फिर यह दिखाता है कि प्रदेश में राजनीतिक असंतोष और तनाव लगातार बढ़ रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और विपक्ष इस मुद्दे को आगामी चुनावों में किस तरह भुनाता है।