लखनऊ में युद्ध जैसी स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग: सायरन बजते ही जमीन पर लेटे लोग, यूपी DGP बोले- 19 जिलों में होगी मॉक ड्रिल
भारत-पाक तनाव के बीच सिविल डिफेंस ने किया अभ्यास, हमले की स्थिति में बचाव और सुरक्षा के दिए गए टिप्स

लखनऊ । भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच राजधानी लखनऊ में युद्ध जैसी आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को लेकर सिविल डिफेंस द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। लखनऊ पुलिस लाइंस में आयोजित इस अभ्यास में सायरन बजते ही लोग तत्काल जमीन पर लेट गए और अपने कानों को हाथों से ढक लिया। इस दौरान, बमबारी या गोलीबारी जैसी स्थिति में कैसे खुद को सुरक्षित रखा जाए, इसकी विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।
सायरन से शुरू हुआ अभ्यास
ड्रिल की शुरुआत होते ही तेज सायरन बजा, जो युद्ध या बमबारी की चेतावनी को दर्शाता है। सायरन सुनते ही सभी प्रतिभागी झुक कर या जमीन पर लेट गए, और अपने सिर व कानों को ढककर शारीरिक सुरक्षा मुद्रा अपनाई। इस अभ्यास में सुरक्षा कर्मियों, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और आम नागरिकों ने भाग लिया।
DGP ने की पुष्टि: 19 जिलों में होंगे ऐसे अभ्यास
उत्तर प्रदेश के DGP प्रशांत कुमार ने बताया कि यह मॉक ड्रिल केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहेगी। आने वाले दिनों में राज्य के 19 जिलों में इसी तरह के सिविल डिफेंस अभ्यास कराए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि आम नागरिक आपदा, युद्ध या आतंकी हमले जैसी परिस्थितियों में घबराए नहीं, बल्कि प्रशिक्षित होकर सही कदम उठाएं।
“हम ऐसी मॉक ड्रिल्स के ज़रिए जनता को मानसिक रूप से तैयार करना चाहते हैं ताकि कोई भी आपातकालीन स्थिति आने पर लोग जान बचाने के जरूरी कदम उठा सकें,” — प्रशांत कुमार, DGP, उत्तर प्रदेश
हमले के दौरान क्या करें, क्या न करें
ड्रिल के दौरान सिविल डिफेंस अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई गोलाबारी, बमबारी या मिसाइल हमला होता है, तो:
- तुरंत जमीन पर लेट जाएं
- अपने सिर और कानों को ढक लें
- कांच या खुले स्थान से दूर रहें
- मदद मिलने तक सुरक्षित स्थान पर छिपे रहें
इसके अलावा, प्राथमिक चिकित्सा, आग लगने पर प्रतिक्रिया, और आपातकालीन संचार के तरीके भी बताए गए।
नागरिकों ने दिखाई रुचि
अभ्यास में भाग लेने वाले नागरिकों ने कहा कि ऐसी ट्रेनिंग से आत्मविश्वास बढ़ता है और संकट के समय घबराने की बजाय वे तैयार महसूस करते हैं।
रश्मि वर्मा, जो एक कॉलेज स्टूडेंट हैं, ने कहा, “पहली बार लगा कि हम युद्ध जैसी स्थिति में भी खुद को बचा सकते हैं। ऐसी ट्रेनिंग सभी जगह होनी चाहिए।”
निष्कर्ष
युद्ध जैसी आपातकालीन परिस्थितियों के लिए यह मॉक ड्रिल लखनऊ और उत्तर प्रदेश की सुरक्षा तैयारियों का एक महत्वपूर्ण संकेत है। जहां सरकार और प्रशासन अंतरराष्ट्रीय तनावों को लेकर सजग है, वहीं आम नागरिकों को भी व्यवस्थित और प्रशिक्षित करने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है।