लखनऊ

लखनऊ: युवक ने शादीशुदा प्रेमिका के साथ खाया जहर, 2 साल से चल रहा था प्रेम-प्रसंग

प्रेम में पागल युवक रोज पहुंचता था पड़ोसन से मिलने, आखिर दोनों ने एक साथ जहर खाकर जान देने की कोशिश की

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दर्दनाक प्रेम प्रसंग का मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अपनी शादीशुदा प्रेमिका के साथ जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। घटना ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया, क्योंकि दोनों का रिश्ता लंबे समय से चर्चा में था।


पड़ोसन से हुआ प्यार, रोज मिलने जाता था युवक

जानकारी के मुताबिक, युवक का नाम (गोपनीयता के कारण उजागर नहीं किया जा रहा) बताया जा रहा है। उसका अपने घर के पास ही एक प्लॉट है, जहां वह गाय पालता था। इसी बहाने वह रोजाना गाय को चारा देने जाता और पड़ोस में रहने वाली विवाहिता से मिलने पहुंच जाता। दोनों के बीच बीते दो वर्षों से प्रेम संबंध थे।


विवाहिता पहले से शादीशुदा, रिश्ते को लेकर थी सामाजिक उलझन

महिला पहले से शादीशुदा थी और कुछ समय से वैवाहिक संबंधों में तनाव चल रहा था। ऐसे में युवक के साथ उसका प्रेम संबंध और गहरा होता गया। दोनों एक-दूसरे से बेहद जुड़ चुके थे, लेकिन समाज और परिवार की दीवारें इस रिश्ते के रास्ते में रोड़ा बनी हुई थीं


जहर खाकर की आत्महत्या की कोशिश

संबंधों में बढ़ते तनाव और सामाजिक दबाव से परेशान होकर दोनों ने एक साथ जहर खा लिया। परिजनों को जब इसकी भनक लगी तो दोनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में रखकर इलाज कर रही है।


पुलिस कर रही है मामले की जांच

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में यह साफ हुआ है कि मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा हुआ है।

हमने युवक और महिला के परिवार वालों से बातचीत की है। दोनों का बयान दर्ज होने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।” – स्थानीय थाना प्रभारी


समाज में प्रेम संबंधों को लेकर सवाल

यह मामला समाज में प्रेम संबंधों और सामाजिक स्वीकार्यता के टकराव को एक बार फिर उजागर करता है। कई बार प्यार में पड़े लोग सामाजिक बंधनों और पारिवारिक दबावों के चलते ऐसा कठोर कदम उठा लेते हैं।


निष्कर्ष

लखनऊ की यह घटना प्रेम की ताकत और उसकी विडंबनाओं दोनों को दर्शाती है। जब समाज प्रेम को स्वीकार नहीं करता, तो परिणाम अक्सर ऐसे दुखद होते हैं। युवाओं को मानसिक रूप से मज़बूत बनाए जाने और परिवारों में संवाद की आवश्यकता आज के समय में पहले से कहीं अधिक है

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