लखनऊ में बड़े मंगल का अद्भुत नज़ारा: भक्तों के लिए भंडारे, मछलियों तक को प्रसाद; AI कैमरे से हो रही सुरक्षा निगरानी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: ज्येष्ठ मास के चौथे बड़े मंगल के पावन अवसर पर लखनऊ में श्रद्धा, भक्ति और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिला। पूरा शहर हनुमानमय हो गया — जगह-जगह भंडारे, विशाल झांकियां और भक्तों की भारी भीड़ का आलम रहा।
रात 12 बजे से ही प्रमुख मंदिरों में विशेष शृंगार और पूजन शुरू हो गया। अलीगंज के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में बजरंगबली को सोने का मुकुट पहनाकर अलौकिक श्रृंगार किया गया, जो भक्तों का केंद्रबिंदु बना रहा।
🕉️ मंदिरों में आस्था का सैलाब
- चौक क्षेत्र में गोलगप्पों का भंडारा लगाया गया, जो हर उम्र के भक्तों के बीच चर्चा का विषय रहा।
- पातालपुरी मंदिर में तो श्रद्धालुओं की लगभग 1 किलोमीटर लंबी लाइन देखी गई, जिसमें महिलाएं, बुज़ुर्ग और युवा सभी शामिल थे।
- भक्तों ने लाइन में लगकर दर्शन किए और प्रसाद ग्रहण किया।
🐟 मछलियों के लिए भी भंडारा
इस बार एक अलग और अनोखा दृश्य भी देखने को मिला — नदी-तालाबों में मछलियों के लिए विशेष भंडारा आयोजित किया गया। श्रद्धालुओं ने जलचर प्राणियों के लिए भी श्रद्धा दिखाते हुए उन्हें चने और आटे की गोलियां अर्पित कीं। यह पहल पर्यावरण और जीवदया की दिशा में एक सराहनीय प्रयास रही।
📸 AI कैमरे से सुरक्षा और निगरानी
अलीगंज हनुमान मंदिर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कैमरे लगाए गए, जो भीड़ का डेटा कैप्चर कर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने में सहायक रहे। कैमरे चेहरों की पहचान, भीड़ नियंत्रण और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी के लिए प्रयुक्त किए गए।
🎭 आकर्षक झांकियां और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
शहरभर में जगह-जगह भगवान हनुमान की झांकियां, राम कथा मंचन, और भक्ति संगीत कार्यक्रम आयोजित हुए। बच्चों के लिए रंग-बिरंगे खेल और धार्मिक क्विज़ का आयोजन भी हुआ।
🙏 श्रद्धालुओं की जुबानी:
“हर साल आते हैं, लेकिन इस बार की व्यवस्था और श्रद्धा का माहौल अलौकिक है। मछलियों का भंडारा देखकर मन प्रसन्न हो गया।”
— विनय तिवारी, स्थानीय भक्त
✅ निष्कर्ष (Conclusion):
लखनऊ का बड़ा मंगल केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण है। इस बार श्रद्धा के साथ तकनीक और पर्यावरण का समावेश इसे और खास बना गया।