लखनऊ
लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर किसानों का हंगामा: लाठी-डंडों के साथ पहुंचे प्रदर्शनकारी, बोले- जमीन ली, काम भी नहीं करने दे रहे

लखनऊ: नगर निगम मुख्यालय में सोमवार को किसान संगठनों के प्रदर्शन ने हंगामे का रूप ले लिया।
लाठी-डंडों से लैस ग्रामीण प्रदर्शनकारी मुख्यालय के गेट तक पहुंच गए और अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
प्रदर्शन का कारण क्या था?
- प्रदर्शनकारी राजधानी के बाहरी क्षेत्रों से आए थे
- उनका आरोप था कि नगर निगम ने उनकी खेती की जमीन अधिग्रहण कर ली है
- लेकिन न तो रोजगार का कोई विकल्प दिया, और न ही उन्हें पशुपालन जैसे काम करने की अनुमति मिल रही है
- इसके साथ ही उन्होंने इलाके में सफाई नहीं होने और गंदगी फैलने की भी शिकायत की
प्रदर्शनकारियों की मांगें:
- अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए
- रोजगार के लिए पशुपालन और छोटे व्यवसाय की अनुमति दी जाए
- क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बहाल की जाए
- नगर निगम अधिकारी स्थानीय लोगों की सुनवाई करें
किसानों का बयान:
प्रदर्शन में शामिल एक ग्रामीण रामसिंह यादव ने बताया:
“हमारी ज़मीन तो नगर निगम ने ले ली, लेकिन अब जब हम काम करना चाहते हैं तो कहते हैं—यहां काम नहीं कर सकते।
न रोजगार है, न सफाई है, हम जाएं तो जाएं कहां?”
नगर निगम की प्रतिक्रिया:
- नगर निगम अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की पहल की
- अधिकारियों ने 3 दिनों में समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया
- मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखा, किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है
स्थानीय निवासी भी हुए शामिल:
प्रदर्शन में केवल किसान ही नहीं, बल्कि स्थानीय बस्ती के कई निवासी भी शामिल हुए
उनका कहना था कि कचरा उठाने और जलनिकासी जैसी समस्याएं महीनों से बनी हुई हैं
निष्कर्ष:
लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर हुआ यह प्रदर्शन सिर्फ जमीन अधिग्रहण का मुद्दा नहीं है,
बल्कि यह सुनवाई, सफाई और सम्मान के लिए जूझते नागरिकों की आवाज है।
जरूरी है कि नगर निगम इस विरोध को सिर्फ गेट पर भीड़ समझकर न देखे,
बल्कि नीति, संवाद और समाधान के साथ इसकी ओर बढ़े।