लखनऊ। राजधानी लखनऊ में जमीन खरीदने का सपना अब और महंगा हो गया है। 1 अगस्त 2025 से लागू हुए नए सर्किल रेट ने शहर भर के रियल एस्टेट बाजार में हलचल मचा दी है। खासकर गोमती नगर, इंदिरा नगर, वृंदावन योजना, और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे इलाकों में जमीनों के दामों में 100 से 133 प्रतिशत तक की उछाल दर्ज की गई है।
10 साल बाद बड़ा बदलाव:
शासन ने एक दशक बाद सर्किल रेट में संशोधन किया है। इससे पहले 2015 में रेट अपडेट किए गए थे। अब 2025 में नई दरें लागू होने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और पंजीकरण विभाग को राजस्व में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है, वहीं आम नागरिकों को जमीन खरीदने के लिए अब और ज्यादा बजट की जरूरत पड़ेगी।
गोमती नगर में दाम दोगुने:
लखनऊ का पॉश इलाका गोमती नगर, जो पहले ही हाई डिमांड में रहता है, अब सर्किल रेट में भी टॉप पर है। यहां कई स्थानों पर जमीनों के दामों में 133% तक की बढ़ोतरी की गई है।
क्षेत्र | पुराना सर्किल रेट (₹/sq.m) | नया सर्किल रेट (₹/sq.m) | वृद्धि (%) |
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गोमती नगर विस्तार | 55,000 | 1,28,000 | 133% |
इंदिरा नगर | 45,000 | 85,000 | 89% |
वृंदावन योजना | 35,000 | 78,000 | 122% |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे | 25,000 | 60,000 | 140% |
67 प्रमुख सड़कों पर रेट में उछाल:
नए रेट 67 प्रमुख सड़कों और कॉलोनियों में लागू हुए हैं। इनमें कुर्सी रोड, फैजाबाद रोड, रायबरेली रोड, शहीद पथ, और अलीगंज जैसे इलाके शामिल हैं। इससे न केवल निजी संपत्ति के दाम बढ़ेंगे, बल्कि सरकारी शुल्क जैसे स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क भी ज्यादा देना होगा।
क्या है सर्किल रेट?
सर्किल रेट वह न्यूनतम सरकारी मूल्य है जिस पर किसी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन होता है। बाजार मूल्य इससे अधिक हो सकता है, लेकिन रजिस्ट्रेशन इससे कम पर नहीं किया जा सकता।
विशेषज्ञों की राय:
रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि—
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इससे रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ेगी।
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राज्य सरकार की राजस्व वसूली में इजाफा होगा।
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लेकिन मिडिल क्लास खरीदारों के लिए घर खरीदना कठिन हो जाएगा।
सरकार की मंशा और प्रतिक्रिया:
प्रशासन का कहना है कि सर्किल रेट में बढ़ोतरी से लंबे समय से रुकी हुई बाजार की वास्तविकता को दर्शाया गया है। साथ ही, इससे अवैध खरीद-फरोख्त पर भी अंकुश लगेगा।
निष्कर्ष:
अगर आप लखनऊ में जमीन या मकान खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम है। बढ़े हुए सर्किल रेट के चलते अब खरीदारी से पहले बजट और टैक्स को लेकर विशेष योजना बनानी होगी।