विचार

प्रेम…


जे पी शर्मा जयपुर राजस्थान

प्रेम होता क्या है !
हम नही जानते ,
इश्क कहते किसे है।
हम नही जानते।।

रहते मस्त कवियों में,
लिखना नही जानते!
गुरु की तलाश है पर,
किसी को नही पहचानते।।

दुनियां अपनी फकीरी की,
फकीरी ही अपना गहना है।
पटलों के कवि कवियत्रियां ,
सभी भाई और बहिना है।।

कवि बनना कवि का भाग्य है,
पर कविताएं पढ़ना सौभाग्य है।
क्यों ना पढ़कर खुश हो ले ,
सोचो यही हमारा काव्य है।।

गर सभी रचनाकार बने तो,
लाइक कमेंट करेगा कौन ।
हम तो ऐसे ही फकीर भले ,
हमको फिर रोकेगा कौन।।

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