मां का कातिल बना नरभक्षी बेटा: कोल्हापुर मर्डर केस में कोर्ट ने सुनाया मृत्युदंड, कहा- “जेल में भी इंसानों को खा जाएगा”
कोल्हापुर की दिल दहला देने वाली घटना में कोर्ट का सख्त रुख, मां की हत्या कर खा रहा था मांस, तवे पर भी पक रहा था इंसानी टुकड़ा

कोल्हापुर (महाराष्ट्र): देश को झकझोर देने वाले कोल्हापुर नरभक्षी हत्याकांड में कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी सुनील कुचकोरवी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि
“जिसने अपनी मां को खा लिया, वो जेल में भी इंसानों को खा जाएगा। ऐसे हैवान को जीने का कोई हक नहीं है।”
क्या था मामला?
ये घटना कोल्हापुर की एक झुग्गी बस्ती की है, जहां 65 वर्षीय महिला यल्लवा कुचकोरवी की क्षत-विक्षत लाश मिली थी।
- लाश के स्तन, आंतें, कलेजा और दिल काटे गए थे।
- बगल में आरोपी बेटा सुनील कुचकोरवी बैठा हुआ था, जो मांस जैसा कुछ खा रहा था।
- पास ही तवे पर भी मांस का टुकड़ा पक रहा था।
- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया।
पड़ोसियों के बयान:
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुनील की मानसिक स्थिति कुछ महीनों से ठीक नहीं थी। कई बार वह अजीबो-गरीब हरकतें करता था। लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि वह ऐसा जघन्य अपराध कर सकता है।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी:
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा,
“ये केवल एक मर्डर नहीं, बल्कि मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना है। आरोपी ने जिस मां का दूध पिया, उसे मारकर खा गया।”
पुलिस जांच और साक्ष्य:
DNA रिपोर्ट, फॉरेंसिक जांच, और मौके पर मिले सबूतों के आधार पर कोर्ट ने पाया कि यह अपराध पूरी योजना के तहत किया गया था।
- तवे पर पक रहा मांस भी मां के शरीर का हिस्सा ही था।
- आरोपी ने हत्या के बाद भी किसी तरह की पश्चाताप की भावना नहीं दिखाई।
🔚 निष्कर्ष:
कोल्हापुर नरभक्षी केस भारत के कानूनी इतिहास में एक ऐसी मिसाल बन गया है, जिसमें इंसानियत के खिलाफ अपराध करने वाले को सख्त सजा दी गई है। यह फैसला बताता है कि कानून ऐसे दरिंदों को बख्शने का कोई इरादा नहीं रखता।