पहलगाम आतंकी हमला: तीन आतंकवादियों के स्केच जारी, दिल्ली में उच्च-स्तरीय बैठकों का दौर, देश में शोक और आक्रोश
पहलगाम में हुआ पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला, 3 आतंकियों की पहचान, सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ी, खाटू श्याम भक्तों ने की निंदा

श्रीनगर/नई दिल्ली/अगरा: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें ज्यादातर पर्यटक शामिल 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, पूरे देश में शोक और गहरा आक्रोश व्याप्त है। इस जघन्य कृत्य के अपराधियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं और इस कड़ी में तीन संदिग्ध आतंकवादियों के स्केच जारी किए गए हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठकों का दौर जारी है, जिसमें इस गंभीर स्थिति पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।
आतंकवादियों के स्केच जारी, लश्कर-ए-तैयबा पर शक गहराया
सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम में हुए इस भयावह नरसंहार में सीधे तौर पर शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान कर उनके स्केच जारी किए हैं। हालांकि अभी तक इन आतंकवादियों की आधिकारिक पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि ये तीनों खूंखार आतंकवादी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े हो सकते हैं। गौरतलब है कि इस हमले की जिम्मेदारी अपेक्षाकृत नए आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां इस दावे को संदेह की नजर से देख रही हैं और उनका मानना है कि यह LeT की ही किसी छतरी संगठन की करतूत हो सकती है। जारी किए गए स्केच में तीनों आतंकवादियों को आधुनिक हथियारों से लैस दिखाया गया है, जिनमें एके-सीरीज की असॉल्ट राइफलें और एक एम4 राइफल शामिल हैं। सुरक्षा एजेंसियां इन स्केचों के आधार पर आतंकवादियों की पहचान करने और उन्हें जल्द से जल्द पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान चला रही हैं।
दिल्ली में उच्च-स्तरीय बैठकों का दौर, सुरक्षा रणनीति पर मंथन
पहलगाम में हुए इस बड़े आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो अपनी सऊदी अरब की यात्रा को बीच में छोड़कर बुधवार सुबह दिल्ली लौटे, ने हवाई अड्डे से उतरते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक आपातकालीन बैठक की। इस बैठक में हमले के पीछे के कारणों, संभावित साजिश और आगे की सुरक्षा रणनीति पर गहन चर्चा हुई।
इसके बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण बैठक में एनएसए अजीत डोभाल और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के साथ-साथ गृह मंत्रालय और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य एजेंडा जम्मू और कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना था। सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर आज होने वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में भी विस्तृत चर्चा होने की संभावना है, जिसमें और भी कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा रद्द, गृह मंत्री शाह श्रीनगर जाएंगे
हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना प्रस्तावित श्रीनगर दौरा फिलहाल रद्द कर दिया है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जल्द ही श्रीनगर का दौरा कर सकते हैं, जहां वे स्थिति का जायजा लेंगे और सुरक्षा बलों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकें करेंगे। उनके दौरे से पहले ही पूरे पहलगाम इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती कर दी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।
पूरे कश्मीर में बंद का आह्वान, शोक और गुस्से का माहौल
पहलगाम में हुए इस बर्बर हमले के विरोध में और मारे गए निर्दोष लोगों के सम्मान में, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने बुधवार को पूरे कश्मीर में पूर्ण बंद का आह्वान किया। जम्मू चैंबर एंड बार एसोसिएशन ने भी इस बंद का समर्थन किया है। सुश्री मुफ्ती ने इस घटना पर गहरा दुख और शर्मिंदगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला पूरे जम्मू और कश्मीर पर है और केंद्र सरकार को दोषियों को ढूंढकर कड़ी सजा देनी चाहिए। बंद के कारण पूरे घाटी में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा, दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम रही।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निंदा, ट्रंप ने पीएम मोदी को फोन कर जताया समर्थन
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए इस कायराना आतंकी हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कड़ी निंदा की जा रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर इस दुखद घटना पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और भारत को हर संभव समर्थन देने की पेशकश की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के इसgesture के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत इस कायराना हरकत को अंजाम देने वालों को बख्शेगा नहीं और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले, ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘द ट्रूथ’ पर भी इस हमले पर दुख जताया था और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका की दृढ़ता से खड़े रहने की बात कही थी।
बैसरन में हुआ हमला, पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग
जानकारी के अनुसार, यह आतंकी हमला पहलगाम शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर स्थित बैसरन नामक एक शांत और सुरम्य घास के मैदान में हुआ। घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा यह स्थान पर्यटकों और ट्रेकर्स के बीच ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से लोकप्रिय है। बताया जाता है कि तीन से अधिक हथियारबंद आतंकवादी इस इलाके में घुस आए और वहां घूम रहे पर्यटकों पर अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जिस समय यह हमला हुआ, उस समय कुछ पर्यटक मैदान के भोजनालयों के आसपास थे, जबकि कुछ टट्टू की सवारी का आनंद ले रहे थे। आतंकवादियों ने पिकनिक मना रहे और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले रहे पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे मौके पर ही कई लोगों की मौत हो गई।
मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
पहलगाम में हुई इस दुखद घटना के बाद, सरकार ने पीड़ितों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। श्रीनगर में इमरजेंसी कंट्रोल रूम से 0194-2457543 और 0194-2483651 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा, एडीसी श्रीनगर आदिल फ़रीद से 7006058623 पर भी संपर्क किया जा सकता है। अनंतनाग पुलिस ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर मोबाइल नंबर 9596777669 और फोन नंबर 01932225870 पर अपनों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। लोग व्हाट्सएप के माध्यम से भी 9419051940 पर संदेश भेज सकते हैं।
कश्मीरी समुदाय ने जताया दुख और शर्मिंदगी
इस आतंकी हमले के बाद कश्मीरी समुदाय के लोगों ने भी गहरा दुख और शर्मिंदगी व्यक्त की है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी इस घटना से शर्मिंदा हैं और यह पूरे जम्मू-कश्मीर पर हमला है। उन्होंने सरकार से दोषियों को जल्द से जल्द ढूंढकर उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है। खाटू श्यामजी आए श्रद्धालुओं ने भी इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। उनका कहना है कि अब भारत को और बर्दाश्त नहीं करना चाहिए, क्योंकि धैर्य की एक सीमा होती है, जो इस घटना के बाद टूट गई है।
यह आतंकी हमला न केवल एक दुखद मानवीय त्रासदी है, बल्कि यह जम्मू और कश्मीर में शांति और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए भी एक बड़ा झटका है। पूरा देश इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है और सरकार से उम्मीद करता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगी और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाएगी।