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जम्मू-कश्मीर के शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकी ढेर, ऑपरेशन केलर जारी

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकी मुठभेड़: लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकी ढेर, ऑपरेशन केलर जारी

जम्मू-कश्मीर : के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकियों को मार गिराया है। यह एनकाउंटर शुकरू के जंगली इलाकों में चल रहे ‘ऑपरेशन केलर’ का हिस्सा है। सुरक्षा बलों को इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद यह अभियान शुरू किया गया।


कैसे हुआ एनकाउंटर?

  • स्थान: शोपियां का शुकरू क्षेत्र, जो घने जंगलों से घिरा हुआ है।
  • सुरक्षा बल: जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और CRPF की संयुक्त टीम।
  • खुफिया सूचना: क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने पर सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया।
  • एनकाउंटर: आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू की, जिसके जवाब में ऑपरेशन केलर चलाया गया।
  • हत्यारे आतंकियों की पहचान:
    • दो आतंकी शोपियां के स्थानीय निवासी थे।
    • तीसरे आतंकी की पहचान की पुष्टि नहीं हो सकी है।

पहलगाम हमले के बाद भारत पर साइबर अटैक: 15 लाख हमलों में से 150 सफल

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों के बाद भारत पर साइबर अटैक का खतरा भी बढ़ा है।

  • कुल साइबर अटैक: 15 लाख प्रयास किए गए।
  • सफल हमले: इनमें से केवल 150 हमले ही सफल हो सके।
  • लक्षित क्षेत्र: सरकारी वेबसाइट्स, सुरक्षा एजेंसियों के पोर्टल और संवेदनशील डाटा सिस्टम।

साइबर अटैक का उद्देश्य भारतीय सुरक्षा बलों की जानकारी चुराना और सरकारी सिस्टम को बाधित करना था।


ऑपरेशन केलर: शोपियां में आतंकियों का सफाया

सुरक्षा बलों का ऑपरेशन केलर अभी भी जारी है।

  • इलाका सील: शुकरू और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने घेराबंदी की हुई है।
  • ड्रोन निगरानी: ऑपरेशन में ड्रोन और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
  • स्थानीय निवासियों से अपील: क्षेत्र के लोगों से घरों में रहने और सुरक्षा बलों का सहयोग करने की अपील की गई है।

शोपियां: आतंकवाद का गढ़ क्यों?

जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले को आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है।

  • भौगोलिक स्थिति: घने जंगल और पहाड़ों से घिरा होने के कारण आतंकियों के छिपने में आसानी होती है।
  • स्थानीय सहयोग: कुछ स्थानीय लोगों द्वारा आतंकियों को सहायता भी मिलती है।
  • बॉर्डर से निकटता: पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का प्रभाव भी इस क्षेत्र में अधिक है।

भारतीय सुरक्षा बलों का साहसिक अभियान

भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अपनी मजबूती और तत्परता दिखाई है।

  • हर आतंकवादी गतिविधि पर कड़ी निगरानी: खुफिया जानकारी मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है।
  • स्थानीय सहयोग: पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच बेहतर समन्वय।
  • आधुनिक तकनीक का प्रयोग: ड्रोन, नाइट विजन और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग।

भारत पर साइबर अटैक: कैसे होता है बचाव?

सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, भारत पर साइबर अटैक के प्रयास लगातार होते रहते हैं, खासकर संवेदनशील मुद्दों के बाद।

  • सुरक्षा उपाय: भारतीय सरकारी वेबसाइटों पर मल्टी-लेयर सिक्योरिटी।
  • संवेदनशील डेटा की सुरक्षा: सभी महत्वपूर्ण डाटा एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित सर्वरों में स्टोर किया जाता है।
  • साइबर सुरक्षा टीम: CERT-In (Computer Emergency Response Team – India) लगातार निगरानी करती है।

स्थानीय निवासियों की सुरक्षा पर फोकस

शोपियां एनकाउंटर के दौरान सुरक्षा बलों ने स्थानीय निवासियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा।

  • इलाके की घेराबंदी: आतंकियों के भागने का कोई मौका न मिले।
  • स्थानीय लोगों से अपील: किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
  • सुरक्षा बलों का समर्थन: लोगों ने सेना और पुलिस की कार्रवाई की सराहना की।

निष्कर्ष

जम्मू-कश्मीर के शोपियां में जारी ऑपरेशन केलर सुरक्षा बलों की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रणनीति का प्रतीक है।
लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकियों का सफाया भारत की आतंकवाद विरोधी नीति की सफलता को दर्शाता है।

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