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पहलगाम आतंकी हमले पर BJP सांसद रामचंद्र जांगड़ा का विवादित बयान: “सुहाग खोने वाली महिलाओं में वीरांगना जैसा जोश नहीं था, इसलिए मरे 26 लोग”

नई दिल्ली/हरियाणा: कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले को लेकर जहां पूरे देश में आक्रोश और शोक की लहर है, वहीं हरियाणा से BJP के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने इस पर एक विवादित और असंवेदनशील बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। सांसद ने कहा कि “अपना सुहाग खोने वाली महिलाओं में वीरांगना जैसा भाव और जोश नहीं था, इसीलिए 26 लोग गोली का शिकार बने।”


क्या कहा सांसद जांगड़ा ने?

रामचंद्र जांगड़ा ने कहा—

“जिन महिलाओं ने इस हमले में अपने पति को खोया, उनमें यदि वीरांगना जैसी भावना और जोश होता, तो शायद इतने लोग शहीद नहीं होते। हमें इतिहास से सीख लेनी चाहिए कि कैसे रानी लक्ष्मीबाई और अन्य वीरांगनाओं ने युद्ध में नेतृत्व किया। आज जरूरत है ऐसी ही भावना की।”

सांसद के इस बयान के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर आक्रोश फूट पड़ा और विपक्षी दलों ने इसे शहीदों और उनके परिवारों का घोर अपमान बताया।


विपक्ष और जनता का तीखा रिएक्शन

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, RJD और अन्य दलों ने इस बयान को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा,

“जो खुद कभी सीमा पर नहीं गया, वो आज शहीदों की विधवाओं पर उंगली उठा रहा है। यह बयान देशभक्ति नहीं, संवेदनहीनता है।”

आम जनता ने भी इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। Twitter पर #ShameOnJangra और #RespectMartyrs ट्रेंड करने लगे।


शहीदों के परिवारों की भावनाएं आहत

पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों ने भी सांसद के बयान पर दुख और नाराजगी जताई। एक शहीद की पत्नी ने मीडिया से कहा—

“हमने अपना सब कुछ खो दिया और आज हमें ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है? इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है?”


पहलगाम हमला—क्या हुआ था?

20 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 26 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गुट ने ली थी। यह हमला उस समय हुआ जब जवानों का एक दल सुरक्षा निरीक्षण पर निकला हुआ था।


बीजेपी की चुप्पी सवालों के घेरे में

जहां एक ओर सांसद के बयान ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है, वहीं बीजेपी की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या पार्टी इस बयान को समर्थन देती है या इससे खुद को अलग करेगी।


निष्कर्ष

देश जब शोक में है और शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा है, ऐसे समय में इस प्रकार के विवादित और अमानवीय बयान न केवल संवेदनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि राजनीतिक गरिमा को भी गिराते हैं। क्या सांसद रामचंद्र जांगड़ा इस बयान पर माफी मांगेंगे? क्या बीजेपी इस पर कोई कार्रवाई करेगी? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

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