मणिपुर में भाजपा विधायकों ने सरकार बनाने का दावा किया: राज्यपाल को सौंपा समर्थन पत्र, कहा- हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन

इंफाल/नई दिल्ली: मणिपुर में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों ने सरकार बनाने का दावा किया है। 10 विधायकों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिला और उन्हें 44 विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपा।
क्या है पूरा मामला?
मणिपुर में पिछले कुछ महीनों से सांप्रदायिक तनाव और राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई थी, जिसके चलते राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे में भाजपा के विधायक थोकचोम राधेश्याम की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि अब राज्य में स्थिर सरकार बन सकती है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल विधायक:
- 8 भाजपा
- 1 NPP (नेशनल पीपुल्स पार्टी)
- 1 निर्दलीय विधायक
इन सभी ने राज्यपाल को बताया कि उनके पास कुल 44 विधायकों का समर्थन है, जबकि मणिपुर विधानसभा में कुल सीटें 60 हैं। यानी स्पष्ट बहुमत उनके पास है।
राज्यपाल से क्या कहा गया?
भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हमने राज्यपाल महोदय से मिलकर अनुरोध किया कि मणिपुर की जनता अब स्थिर और निर्वाचित सरकार चाहती है। हमारे पास पूर्ण बहुमत है और हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।”
मणिपुर की वर्तमान स्थिति
- राष्ट्रपति शासन लागू है
- सामाजिक और जातीय तनाव के कारण स्थिति पहले से ही संवेदनशील बनी हुई है
- बीजेपी पहले भी सत्ता में थी, लेकिन हिंसा और इस्तीफों के बाद संकट खड़ा हो गया था
- केंद्र सरकार ने शांति बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू किया था
आगे क्या होगा?
अब यह राज्यपाल अजय कुमार भल्ला पर निर्भर करता है कि वे इस दावे पर क्या निर्णय लेते हैं। यदि उन्हें दावा विश्वसनीय लगता है, तो वे भाजपा और उसके सहयोगियों को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
मणिपुर की राजनीति में एक बार फिर हलचल देखने को मिल रही है। जहां एक ओर राष्ट्रपति शासन लागू है, वहीं दूसरी ओर भाजपा नेतृत्व यह साबित करने की कोशिश में है कि राज्य में अब स्थिर सरकार दी जा सकती है। आने वाले कुछ दिन मणिपुर की राजनीति के लिए निर्णायक हो सकते हैं।