सिक्किम में मिलिट्री कैंप पर लैंडस्लाइड: 3 जवानों की मौत, 6 लापता; पूर्वोत्तर में बारिश-बाढ़ से अब तक 37 की जान गई

गंगटोक/नई दिल्ली | सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में मूसलधार बारिश ने तबाही मचा दी है। रविवार शाम करीब 7 बजे सिक्किम के चट्टेन इलाके में भारी बारिश के कारण एक मिलिट्री कैंप पर भूस्खलन हो गया, जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई। सेना की रेस्क्यू टीमों ने चार जवानों को मलबे से जिंदा निकाला है, जबकि छह जवान अब भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
शहीद जवानों की पहचान हुई
सोमवार को भारतीय सेना ने जानकारी दी कि जिन जवानों की जान गई, उनकी पहचान इस प्रकार है:
- हवलदार लखबिंदर सिंह
- लांस नायक मनीष ठाकुर
- पोर्टर अभिषेक लखाड़ा
30 मई से फंसे 1000 टूरिस्ट भी रेस्क्यू
इसी बीच, लाचेन और लाचुंग में भारी बारिश और रास्तों के कटाव के कारण फंसे 1000 से अधिक पर्यटकों को आज सुरक्षित निकाला गया। BRO और राज्य प्रशासन की मदद से यह अभियान पूरा किया गया।
पूर्वोत्तर में तबाही का मंजर: 37 मौतें, हजारों प्रभावित
लगातार हो रही बारिश ने पूर्वोत्तर राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है:
- असम: 10
- अरुणाचल प्रदेश: 9
- मिजोरम: 5
- मेघालय: 6
- सिक्किम: 3 (मिलिट्री लैंडस्लाइड से)
- अन्य: 4
असम में 3.64 लाख लोग प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र, बराक सहित 10 नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
राज्यों की स्थिति एक नज़र में:
- मणिपुर:
19,000 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित; 3,365 घरों को नुकसान।
सेना व असम राइफल्स ने 500 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया। - त्रिपुरा:
10,000 से ज्यादा लोग बेघर; अगरतला के बड़खल गांव में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर। - अरुणाचल प्रदेश:
एयरफोर्स ने Mi-17 हेलिकॉप्टर से बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को बचाया। - सिक्किम:
तीस्ता नदी का जलस्तर 35-40 फीट बढ़ा, पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त।
211 लैंडस्लाइड घटनाएं सिर्फ 30 मई से 2 जून तक दर्ज।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार में भी बारिश का असर
- राजस्थान:
30 जिलों में बारिश का अलर्ट। भरतपुर में तेज हवा से पेड़ और दीवार गिरने से 5 घायल। - मध्यप्रदेश:
50 जिलों में भारी बारिश की संभावना। - बिहार:
वैशाली में आंधी से घर ढहने पर 60 वर्षीय महिला की मौत, 9 जिलों में अलर्ट।
सिक्किम में अक्टूबर 2023 की त्रासदी की याद ताजा
पिछले साल अक्टूबर 2023 में भी सिक्किम में बादल फटने से 18 लोगों की मौत और 98 लोग लापता हो गए थे। इसमें 22 जवान भी शामिल थे जिनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। यह हालिया हादसा एक बार फिर उस दर्दनाक घटना की याद दिला रहा है।
निष्कर्ष
भारत का पूर्वोत्तर इस वक्त प्राकृतिक आपदाओं के चपेट में है। जहां एक ओर बाढ़ और भूस्खलन लोगों की जिंदगी को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय सेना और राहत एजेंसियां रात-दिन मेहनत कर लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हुई हैं। राज्य और केंद्र सरकारों से भी तेज रेस्पॉन्स और दीर्घकालिक समाधान की अपेक्षा की जा रही है।