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चिनाब रेलवे ब्रिज: दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल, आज पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

श्रीनगर | जम्मू-कश्मीर
भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल — चिनाब रेलवे ब्रिज — का उद्घाटन करेंगे। इस पुल के शुरू होते ही अब भारत की राजधानी दिल्ली से लेकर कश्मीर की वादियों तक सीधी ट्रेन सेवा संभव हो जाएगी।


🔧 कैसे बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज?

चिनाब ब्रिज को 359 मीटर (1177 फीट) की ऊंचाई पर बनाया गया है, जो कि पेरिस के एफिल टावर से भी करीब 35 मीटर ऊंचा है। यह पुल चिनाब नदी पर बना है और यह भारत के जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है।

🔩 निर्माण में लगे अद्भुत तथ्य:

  • इस पुल में 10 बड़े पुलों जितना स्टील लगा है।
  • 30,000 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया गया।
  • निर्माण में करीब ₹1,486 करोड़ की लागत आई।
  • पुल की लंबाई करीब 1315 मीटर है।
  • इसे 120 साल तक टिकाऊ मानकर डिज़ाइन किया गया है।

🌉 इंजीनियरिंग का चमत्कार

भारतीय रेलवे के अनुसार, चिनाब ब्रिज को Earthquake Zone-IV और High Wind Pressure को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें हाई-टेक सेंसर और सुरक्षा फीचर्स जोड़े गए हैं, ताकि मौसम और समय के साथ ब्रिज की स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा सके।


🚉 क्या बदलेगा चिनाब ब्रिज से?

  1. श्रीनगर पहली बार ट्रेन से जुड़ जाएगा — अब दिल्ली से कश्मीर का सफर आसान और सुरक्षित।
  2. ट्रेन टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा — घाटियों और पुल के दृश्य देखने के लिए पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  3. सेना और संसाधनों की आसान आवाजाही — स्ट्रैटजिक पॉइंट ऑफ़ व्यू से भी अहम।
  4. स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और विकास के नए द्वार खुलेंगे।

📷 जनता के लिए रोमांच का केंद्र

इस ब्रिज की तस्वीरें और वीडियो पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। इसे देखने लोग दूर-दूर से आना चाहते हैं। भविष्य में इसे एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर भी विकसित किया जा सकता है।


🗣️ प्रधानमंत्री मोदी क्या कहेंगे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का उद्घाटन करते हुए इसे “New India’s New Engineering” की मिसाल बताएंगे। रेलवे और कनेक्टिविटी में यह एक मील का पत्थर माना जा रहा है।


📌 निष्कर्ष:

चिनाब रेलवे ब्रिज सिर्फ एक पुल नहीं है, यह भारत की इंजीनियरिंग, इच्छाशक्ति और एकजुटता की पहचान बन चुका है। अब कश्मीर सिर्फ जज़्बातों में नहीं, बल्कि ट्रेनों में भी हमारे और करीब होगा।

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