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राजा रघुवंशी मर्डर केस: पत्नी सोनम समेत पांच गिरफ्तार, आरोपी निकले कर्मचारी, रैपिडो ड्राइवर और बेरोजगार

इंदौर/गाजीपुर।
इंदौर के चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी की हत्या मामले में पुलिस ने सोमवार को उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस सनसनीखेज हत्या की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। जांच में सामने आया है कि राजा के न सिर्फ अपने करीबी लोगों ने, बल्कि उसकी पत्नी ने भी जानबूझकर विश्वासघात करते हुए उसकी हत्या की साजिश रची थी।


कैसे हुआ सोनम का पता?

राजा की पत्नी सोनम की लोकेशन यूपी के गाजीपुर जिले में एक ढाबे पर मिली, जहां वह मानसिक रूप से अस्थिर और बदहवास हालत में पाई गई। स्थानीय पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में लिया और मेघालय पुलिस को सूचित किया, क्योंकि हत्या शिलॉन्ग में हुई थी।


आरोपियों की प्रोफाइल:

हत्या में शामिल तीन मुख्य युवक अलग-अलग पृष्ठभूमियों से हैं, जिनमें से दो का सोनम और राजा दोनों से पुराना संपर्क था।

  1. राज कुशवाहा:
    राजा का पुराना परिचित और सोनम के पिता की दुकान में कर्मचारी रह चुका है। बताया जा रहा है कि सोनम से उसकी करीबी थी। यही साजिश का केंद्र बना।
  2. रैपिडो ड्राइवर:
    दूसरा आरोपी शिलॉन्ग में रैपिडो बाइक टैक्सी चलाता था। वही राजा और सोनम की मूवमेंट में मदद करता था। हत्या के बाद इसने शहर से भागने में मदद की।
  3. तीसरा युवक – बेरोजगार:
    तीसरा आरोपी मूलतः बेरोजगार है और सिर्फ लालच और दोस्ती के नाम पर इस अपराध में शामिल हुआ। उसका तकनीकी रोल सीमित बताया गया है।

कैसे रची गई थी साजिश?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनम और राज कुशवाहा के बीच पिछले कुछ महीनों से संपर्क था। शादी के कुछ दिन बाद ही राजा और सोनम के बीच तनाव शुरू हो गया था। इसी दौरान सोनम ने पुराने परिचितों के साथ मिलकर राजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 23 मई को राजा की शिलॉन्ग से अचानक गुमशुदगी दर्ज हुई और कुछ दिनों बाद उसका शव बरामद हुआ।


अब आगे क्या?

मेघालय पुलिस, इंदौर और यूपी पुलिस के सहयोग से आरोपियों को शिलॉन्ग ट्रांजिट रिमांड पर ले जा रही है। वहां केस की विस्तृत जांच और साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू होगी।


निष्कर्ष:

राजा रघुवंशी की हत्या ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी सबसे बड़ा खतरा अपनों से ही होता है। इस केस में प्रेम, लालच और विश्वासघात ने एक निर्दोष की जान ले ली। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कोर्ट में पुलिस किस तरह से केस को साबित करती है और न्याय कितना जल्दी मिलता है।

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