देशनेशनलब्रेकिंग न्यूज़

PM से मिलने वाले मंत्रियों के लिए RT-PCR अनिवार्य: देश में 7000 पार एक्टिव केस, 74 मौतें; रोज़ 350+ नए कोरोना मामले

नई दिल्ली/मुंबई/बेंगलुरु/तिरुवनंतपुरम:

देश में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर सिर उठा रहा है। बीते कुछ दिनों में एक्टिव केस 7,000 के पार पहुंच गए हैं, और अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है। रोजाना 350 से अधिक नए मामले दर्ज हो रहे हैं। इसी बीच सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले सभी मंत्रियों को अब RT-PCR टेस्ट अनिवार्य रूप से करवाना होगा।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय एहतियात के तौर पर लिया गया है ताकि शीर्ष नेतृत्व तक संक्रमण न पहुंचे और सरकार के कामकाज में कोई व्यवधान न आए।


तेजी से बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले

📈 बीते 7 दिनों में:

  • एक्टिव केस: 7,120
  • नई मौतें: 74
  • रोज औसतन नए केस: 350+

महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली NCR से सबसे अधिक नए केस सामने आ रहे हैं। इन राज्यों में प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल फिर से लागू करना शुरू कर दिया है।


RT-PCR टेस्ट क्यों अनिवार्य किया गया?

👉 प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की सिफारिश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया है कि जो भी मंत्री या उच्च अधिकारी प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत या समूह बैठक में शामिल होंगे, उन्हें कम से कम 24 घंटे पहले RT-PCR टेस्ट कराना होगा

👉 रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही प्रवेश मिलेगा। इस कदम को सावधानी और सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


कर्नाटक और यूपी में सतर्कता बढ़ाई गई

📍 कलबुर्गी, कर्नाटक:
गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 25 बेड का विशेष कोविड वार्ड तैयार किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल स्टाफ को फिर से कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल पर ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है।

📍 गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश:
शहर में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। जिला प्रशासन ने सभी सरकारी अस्पतालों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के अलावा RT-PCR की सुविधा फिर से शुरू की है।


स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन

✅ RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही प्रधानमंत्री से मुलाकात
✅ सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने की सिफारिश
✅ भीड़भाड़ वाले इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग
✅ बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को घर पर रहने की सलाह
✅ कोविड संदिग्ध लक्षणों पर तुरंत टेस्ट कराने की अपील


क्या कोरोना की तीसरी लहर जैसी स्थिति बन सकती है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह संक्रमण अभी नई लहर का संकेत नहीं है, लेकिन लापरवाही से स्थिति बिगड़ सकती है। मौसम में बदलाव और शादी-ब्याह के सीजन में यात्राओं की संख्या बढ़ने से संक्रमण तेज़ी से फैल सकता है।


📌 निष्कर्ष:
भारत सरकार संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए फिर से सतर्क हो गई है। RT-PCR को लेकर उठाया गया कदम एक सावधानी भरा और दूरदर्शी फैसला माना जा रहा है। जनता से अपील की गई है कि वे गाइडलाइंस का पालन करें और लक्षण नजर आते ही टेस्ट कराएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button