अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसा: 242 में से 241 यात्रियों की मौत, पीएम मोदी आज करेंगे घटनास्थल का दौरा

अहमदाबाद (गुजरात): भारत ने एक और भीषण त्रासदी का सामना किया जब गुरुवार दोपहर को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो लंदन जा रही थी, अहमदाबाद के मेघाणीनगर इलाके में टेकऑफ के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो चुकी है। सिर्फ एक यात्री जीवित बच पाया है, जिसका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
घटनास्थल का दृश्य और राहत कार्य:
यह हादसा एक घनी आबादी वाले इलाके में हुआ, जिसके चलते राहत और बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण रहा। रात करीब 2:30 बजे तक राहत कार्य पूरा कर लिया गया। अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर ने बयान जारी कर कहा कि, “अब किसी के जीवित बचने की संभावना नहीं है।”
पीएम मोदी करेंगे दौरा:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (13 जून) अहमदाबाद पहुंचेंगे और घटनास्थल का दौरा करने के साथ-साथ घायल यात्री से भी मुलाकात करेंगे। पीएमओ की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, वे प्रभावित परिवारों के लिए सहायता योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
इस भयावह हादसे पर अमेरिका के परिवहन सचिव शॉन डफी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, “NTSB और FAA की टीम भारत भेजी जा रही है जो AAIB के साथ मिलकर हादसे की गहन जांच करेगी।” उन्होंने यह भी पुष्टि की कि बोइंग और GE को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
पीड़ित परिवारों की कहानियां:
इस हादसे ने न केवल देश बल्कि विदेश में भी दर्द पहुंचाया है। लंदन से इलाज के लिए भारत आई एक महिला की मौत पर उनके परिजन ने कहा, “वह सिर्फ इलाज के लिए आई थीं, लेकिन अब कभी वापस नहीं जाएंगी।”
सैन्य और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- CDS जनरल अनिल चौहान और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है।
- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह हादसा “पूरे देश के लिए एक गहरा दुख है”।
- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट की और सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
ब्रिटिश उच्चायोग की सक्रियता:
हादसे में कई विदेशी नागरिकों के मारे जाने की आशंका के चलते, ब्रिटिश उच्चायोग के अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और अपनी नागरिक सहायता प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं।
निष्कर्ष:
यह हादसा भारत के विमानन इतिहास में सबसे दुखद घटनाओं में से एक है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच तेज़ी से की जा रही है। अब यह देखना होगा कि इस हादसे की जड़ तक पहुंचकर कौन जिम्मेदार ठहराया जाता है, और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस सुरक्षा नीति बनाई जाती है।